देवघर में डायल 108 एंबुलेंस की सुविधा बंद, मरीजों की बढ़ी परेशानी

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देवघर में डायल 108 एंबुलेंस की सुविधा बंद, मरीजों की बढ़ी परेशानी

दवघर प्रतिनिधि मालंच नई सुबह,

देकेवघर जिले में चलने वाले डायल-108 एंबुलेंस के चालक व पारा मेडिकल स्टाफ हड़ताल पर हैं. ये चार महीने का बकाया मानदेय भुगतान की मांग कर रहे हें. इनके हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो गयी हैं. मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दुर्घटना में घायल मरीजों तथा गर्भवती को अस्पताल तक पहुंचाने में कठिनाई हो रही है. श्रावणी मेले के दौरान मेला क्षेत्र में संचालित स्वास्थ्य शिविरों में भी एंबुलेंस का उपयोग किया जा रहा था. लेकिन, डायल 108 एंबुलेंस के चालक व पारा मेडिकल स्टाफ के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में 13 डायल-108 एंबुलेंस संचालित हैं, जबकि श्रावणी मेले को लेकर छह एंबुलेंस दूसरे जिले से भेजे गये हैं. 19 एंबुलेंस के करीब 80 कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गयीं हैं.
जिले में किसी को भी डायल 108 एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल पा रही है. डायल 108 पर कॉल करने पर कॉल रिसीव कर देवघर का नाम बताते ही कहा जाता है कि देवघर डायल 108 एंबुलेस चालक और पारा मेडिकल स्टाफ हड़ताल पर हैं. यह सुविधा नहीं दी जा सकती है. इससे मरीजों व उनके परिजनों को काफी परेशानी हो रही है.
श्रावणी मेला के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल, पुराना सदर अस्पताल समेत मेला क्षेत्र में 32 स्थायी व अस्थायी शिविरों को संचालित किया जा रहा था. इनमें 108 एंबुलेंस के अलावा अन्य जिलों से भी मंगाये गये एंबुलेंस थे. लेकिन, 108 एंबुलेंस के चालकों के हड़ताल पर जाने के बाद मेला क्षेत्र में अब 24 एंबुलेस का ही उपयोग हो पा रहा है.
इस संबंध में डायल-108 एम्बुलेंस (रांची) के प्रोजेक्ट हेड मिलटन कुमार ने कहा कि बकाया मानदेय की मांग को लेकर चालक और पारा मेडिकल स्टाफ हड़ताल पर हैं. बकाये मानदेय को लेकर एनएचएम के एमडी से मिलकर समस्याओं को रखना था. लेकिन, छुट्टी होने के कारण नहीं मिल पाये हैं. हड़ताल समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है.
वहीं, सिविल सर्जन डॉ रंजन सिन्हा ने कहा कि मेला में किसी प्रकार की समस्या नहीं हो रही है. जहां दो एंबुलेंस थे वहां से हटा कर दूसरी जगह पर लगाये गये हैं. मेला में 24 सरकारी एबुंलेंस लगाये गये हैं. इसके अलावा विभाग प्रयासरत है.
इधर, पांच माह का बकाया वेतन की मांग को लेकर झारखंड के 108 एंबुलेंस के 337 चालक दल के लगभग 1500 लोग आठ अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. चालकों ने संबंधित जिले के उपायुक्त, सिविल सर्जन और राज्य सरकार से वेतन भुगतान करने की गुहार लगायी है. इस संबंध में सीपीएम नेता गणेश कुमार सीटू ने मुख्यमंत्री को फैक्स के माध्यम से पत्र भेज कर मांग की है कि झारखंड में लगभग 24 सदर अस्पताल हैं. इन अस्पतालों में हर दिन सैकड़ों मरीज रेफर होकर छह सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, एक एम्स और दो निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जाते हैं. कई मेडिकल कॉलेज के मरीज भी रिम्स रांची जाते हैं. सिर्फ हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से प्रतिदिन 20 से 25 मरीज रिम्स रेफर होते हैं. सड़क दुर्घटना हो या प्राकृतिक आपदा में घायल होनेवाले लोगों को भी तत्काल 108 एंबुलेंस लेकर संबंधित अस्पताल में जाते हैं. इससे सैकड़ों लोगों की जान प्रतिदिन बच जाती थी, लेकिन 108 एंबुलेंस चालकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण पूरे झारखंड में स्थिति चिंताजनक हो गयी है. एक एंबुलेंस में दो इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन और दो पायलट रहते हैं, जो मरीज को ऑक्सीजन, जरूरी साल्ट इंजेक्शन रास्ते में देते रहते हैं। सरकार इस मामले में तत्काल संज्ञान ले और पांच माह का बकाया वेतन तत्काल भुगतान कर हड़ताल को समाप्त कराये।

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