मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

Maalanch Nayi Subah

other सम्पादकीय

क्षितिज लघुकथा समालोचना सम्मान -2025 से डॉ ध्रुव सम्मानित

पटना डेस्क (मालंच नई सुबह )। लघुकथा साहित्य के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर एवं समीक्षक डॉ ध्रुव कुमार को इंदौर, मध्यप्रदेश में क्षितिज लघुकथा समालोचना सम्मान -2025 से सम्मानित किया गया। मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति सभागार में…

यूक्रेन युद्ध से वैश्विक संकट की आहट तबाही सन्निकट

संजीव ठाकुर रायपुर (छत्तीसगढ़) रूस-यूक्रेन युद्ध अब केवल दो देशों का संघर्ष नहीं रह गया है, बल्कि यह सम्पूर्ण विश्व के लिए संभावित विनाश का संकेत बन चुका है। यह युद्ध आधुनिक सभ्यता के सामने एक ऐसी चुनौती प्रस्तुत कर…

क्या बिहार में कांग्रेस कभी स्वयं उभरेगी?

संजीव कुमार पटना कांग्रेस का सूरज कभी अस्त नहीं होता था। बिहार में एक कहावत थी कि राज करना कांग्रेस जानती है। लेकिन गत 35 वर्षों से कांग्रेस का बिहार में सिराजा बिखर गया है। महागठबंधन में कांग्रेस एक- एक…

“जूता, न्याय और जनविश्वास: क्या संविधान की अंतिम उम्मीद भी संकट में है?”

नीीव समदर्शी देश की सर्वोच्च अदालत में जो दृश्य देखने को मिला, वह भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने के लिए गहरी चिंता का विषय है। ऐसी स्थिति इसके पूर्व कभी आपातकाल मे भी नही देखी गई। जिस सर्वोच्च न्यायालय के फैसले…

भारत बना विश्व बैंक का सबसे बडा कर्जदार यह गौरव की बात या लाचार और लचर अर्थ व्यवस्था ….

नीरव समदर्शी भारत हाल ही में विश्व बैंक का सबसे बड़ा कर्जदार देश बन गया है। आदतन सत्ता समर्थक लोग सोशल मीडिया पर इसे भी देश का गौरब बढना बता रहे है ।तर्क यह दिया जा रहा है कि कर्ज…

पोस्टर निर्माण से लेकर समूह चर्चा तक छात्रों ने दिखाया बहु-अनुशासनात्मक कौशल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) प्रकोष्ठ ने कराया प्रतियोगिता का आयोजन

  पटना मालंच नई सुबह प्रतिनिधि, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के सभी स्नातकोत्तर एवं स्ववित्तपोषित विभागों के शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) प्रकोष्ठ एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के संयुक्त तत्वावधान में पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता एवं…

साहित्य की अत्यंत लोकप्रिय विधा है ललित-निबन्ध : आलोक राज

हिन्दी पखवारा के अंतर्गत साहित्य सम्मेलन में आयोजित हुई निबन्ध-लेखन प्रतियोगिता, पटना / प्रतिनिधि (/मालंच नई सुबह,) पटना, ५सितम्बर । अच्छे निबन्ध न केवल पाठकों को आकर्षित करते हैं, बल्कि सुधी पाठकों को चिंतन के लिए भी विवश करते हैं।…

आध्यात्मिक चेतना से विश्व को एक सूत्र में पिरोना चाहते थे सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन

डॉ ध्रुव कुमार पटना विश्व के अशांतिमय जीवन को आध्यात्मिक चेतना द्वारा समृद्धिशाली बनाने की दिली चाहत रखने वाले सर्वपल्ली राधाकृष्णन दुनिया के आधुनिक दार्शनिकों में अपना सर्वश्रेष्ठ स्थान सुनिश्चित करते हैं I उनका मानना था कि ईश्वर सत, चित्त…

शिक्षा का बाज़ारीकरण, सरकारी उपेक्षा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में लगातार कमी

—  नीरव समदर्शी प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को हम बड़े गर्व से शिक्षक दिवस मनाते हैं—महान शिक्षाविद और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की स्मृति में। पर यह दिन भी अब 15 अगस्त और 26 जनवरी की तरह…

“माँ का अपमान” विवाद— सवालों के घेरे में सियासी तूफ़ान

 ——- नीरव समदर्शी भारतीय समाज की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ महिला सम्मान को पारिवारिक और सामाजिक प्रतिष्ठा का आधार माना जाता है। गांव–कस्बों से लेकर महानगरों तक, किसी भी परिवार की स्त्री पर आंच आने को लोग…

साहित्य सम्मेलन में ‘हिन्दी पखवारा-सह-पुस्तक चौदस मेला’ १ सितम्बर से

प्रतिदिन आयोजित होंगे साहित्यिक कार्यक्रम, विद्यार्थियों के लिए इनामी प्रतियोगिताएँ और पुस्तक-लोकार्पण भी   पटना/प्रतिनिधि(मालंच नई सुबह) २६अगस्त। हिन्दी-दिवस के उपलक्ष्य में बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में आगामी १ सितम्बर से १५ सितम्बर तक ‘हिन्दी-पखवारा-सह-पुस्तक चौदस मेला’ का आयोजन किया…

अध्यापक की नौकरी छोड़ स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े थे शिवपूजन सहाय

-डॉ ध्रुव कुमार बिहार के शाहाबाद जनपद के वनवास नामक गांव में 9 अगस्त 1893 को एक सामान्य किसान परिवार में जन्में शिवपूजन सहाय को 1914 में महज 20 वर्ष की अवस्था में आरा के टाउन स्कूल में अध्यापक की…