अगर मेरे देश की वैक्सीन मुझे सुरक्षा दे सकती है, तो मेरे देश में बने सामान, मेरी दिवाली को और भी भव्य बना सकते हैं : अरविन्द सिंह

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24 अक्टुबर पटना : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि भारत में बनी चीजें खरीदना, वोकल फौर लोकल होना, इसे हमें व्यवहार में लाना ही होगा।अगर मेरे देश की वैक्सीन मुझे सुरक्षा दे सकती है, तो मेरे देश में बने सामान, मेरी दिवाली को और भी भव्य बना सकते हैं।

विदेशी लाइट और मुर्तियों का इस दीपावली में करें बहिष्कार, भारतीय दिए जो हमारे ग्रामीण परिवेश के कुंभार बनाते हैं, उसको इस्तेमाल कर लोकल फौर वोकल को बढ़ावा दें। चाइनीज लाइटों के जगह पर इलेक्ट्रॉनिक इंडियन लाइट को लगाएं और जलाएं। आप भारतीय सामानों का जैसे ही इस्तेमाल करेंगे अपने देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। भारतीय बेरोजगार कलाकारों को रोजगार मिलेगा, और भारतीय संस्कृति की झलक मिलेगी।

विशेषज्ञ और देश-विदेश की अनेक ऐजेंसी आज भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बहुत सकारात्मक हैं।किसानों से अनाज की रिकॉर्ड सरकारी खरीद हो रही है, किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे जा रहे हैं।

अरविन्द ने कहा है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध केंद्र सरकार के निरंतर प्रयास का दिखने लगा असर। 18 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कृषि निर्यात 10 अरब डॉलर पर पहुँच गया है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत अब तक देश भर के 11.42 करोड़ किसानों को 1.59 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सम्मान राशि दी गई है।

वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 01.07.2021 से देय केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त जारी करने की मंजूरी दे दी है। जिस बढ़ोतरी पर सालाना खर्च 9,488.7 करोड़ रुपये होंगे।

इस कदम से केन्द्र सरकार के लगभग 47.14 लाख कर्मचारियों और 68.62 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। कोरोना महामारी के साथ ही भीषण सुखाड़ और बाढ़ की विभीषिका झेलने वाले बिहार के विकास कार्यों को कभी रुकने नहीं दिया गया है। जब समय मुश्किल होता है, चैलेंज सामने होता है, तभी असली सामर्थ्य का पता चलता है। पिछले दो वर्षों में तमाम मुश्किलों के बावजूद केंद्र व राज्य सरकार डबल ताकत से बिहार के लोगों को राहत और विकास पहुंचाने में जुटी रही है। किसी भी क्षेत्र में अगर परिवर्तन करना है , कोई भी चीज बदलनी है तो परिवर्तन का वाहक केवल और केवल युवा हो सकता है । कोई भी परिवर्तन युवाओं की सहभागिता के बगैर संभव ही नहीं है। हमारी संस्कृति और हमारी विरासत की रक्षा ए युवा ही करेंगे।आइए आज  हम सब बिहारवासी मिलकर संकल्प करें कि इस दीपावली और  छठ महापर्व के शुभअवसर पर अपने देश में बने वस्तुओं का इस्तेमाल करेंगे। और लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देंगे जिससे हमारे संस्कृति के रखवाले कुंभार और ग्रामीण कलाकार को बढ़ावा मिलेगा।

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