अवधूत शिव की अर्चना“ भाग-2 शिव का अघोरी...
डॉ नीता चौबीसा
त्रिदेवो में एक शिव का रूप और महिमा दोनों ही अनुपमेय है।वेदों में शिव को रुद्र के नाम से सम्बोधित क्रिया गया...
अवधूत शिव की अर्चना”
'डॉ नीता चौबीसा
यथा ब्रह्माण्डे तथा पिंडे 'का उदघोष करने वाले उपनिषद भी मानते है कि मनुष्य स्वभावतः पशु है ।इसिलए वैदिक वांग्मय में आह्वान...
“प्राचीन भारतीय राजनय और वृहतर भारत की गौरवगाथा” (भाग १०) ...
वियतनाम या आधिकारिक तौर पर वियतनाम समाजवादी गणराज्य, दक्षिणपूर्व एशिया के हिन्दचीन प्रायद्वीप के पूर्वी भाग में स्थित एक देश है। इसके उत्तर में...
“प्राचीन भारतीय राजनय और वृहतर भारत की गौरवगाथा” (भाग ९)
-----डॉ नीता चौबीसा
वृहतर भारत का हिस्सा कंबुज:
दो अन्य प्रमुख भारतीय सांस्कृतिक केंद्रों चम्पा (अन्नाम)
और कम्बोज (कम्बोड़िया) साम्राज्यों पर भारतीय मूल के राजाओं ने शासन...
“प्राचीन भारतीय राजनय और वृहतर भारत की गौरवगाथा” (भाग ८)
)-डॉ नीता चौबीसा
दक्षिण पूर्व एशियाई देश व वृहतर भारत: स्यामदेश
स्यामदेश एक ऐसा देश है जो पूरी तरह भारतीयता के रंग में रंगा आज भी...
प्राचीन भारतीय राजनय और वृहतर भारत की गौरवगाथा” (भाग 7 )
--डॉ नीता चौबीसा,'
कोरिया से वृहत्तर भारतीय संस्कृति ने जापान में प्रवेश किया। जापान भारत सांस्कृतिक संबंधो की शुरुआत का लिखित प्रमाण 5
52 ई. का...
“प्राचीन भारतीय राजनय और वृहतर भारत की गौरवगाथा” (भाग ६ )
----डॉ नीता चौबीसा,'
इसके अलावा दक्षिण पूर्वी एशिया के कम्बोज, चम्पा, मलाया, बर्मा और इण्डोनेशिया में भी विजय और शैलेन्द्र साम्राज्य की स्थापना कर भारतीय...
“प्राचीन भारतीय राजनय और वृहतर भारत की गौरवगाथा” (भाग ५)
प्राचीन भारतीय राजनय का प्रमुख आधार कौटिल्य का अर्थशास्त्र,मनुस्मृति, याज्ञवल्क्य स्मृति जैसे गर्न्थो पर टिकी थी जो आज भी भारतीय राजनीति के आधारस्तंभ माने...
“प्राचीन भारतीय राजनय एवं वृहतर भारत की गौरव गाथा” (भाग-4)
डॉ.नीता चौबीसा
बांसवाड़ा राजस्थान
भारत में राजनय सिद्धान्त और वैदेशिक सम्बन्धो का प्रयोग अति प्राचीन काल से ही होता आ रहा है। महाकाव्य तथा पौराणिक...
प्रचीन भारतीय राजनय एवं वृहत भारत की गौरव गाथा-भाग 3
डॉ नीता चौबीसा
प्राचीन काल मे भारतीयराजदर्शन आदर्शवादी न होकर अत्यंत व्यावहारिक रहा है।भारतीय राजदर्शन में आदर्श राज्य या 'यूटोपिया' सम्बन्धी काल्पनिक विचारों का...