“पर्यावरण क्रांति के अग्रदूत :श्री कृष्ण”

कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष) पर्यावरण संरक्षण की चेतना वैदिक काल से ही प्रचलित है। प्रकृति और मनुष्य सदैव से ही एक दूसरे के पूरक रहे...

राष्ट्रवाद और भारत

सलिल सरोज यूरोप में आधुनिक राष्ट्रवाद का उदय राष्ट्र-राज्यों के गठन से जुड़ा हुआ है। इसका मतलब उनकी पहचान और अपनेपन की भावना तथा लोगों...

“भारत के प्रथम नहर और बीज विज्ञानी: भगवान हलधर”

नीता चौबीस भारतीय धर्म और संस्कृति में बलराम एक हिंदुओं के देवता और भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई के रूप में पहचाने जाते है।...

घुटता बचपन लीलता जीवन: बालश्रम

डॉ नीता चौबीसा बाँसबाडा,राजस्थान न कोई चिंता, ना कोई फिक्र,खुले आसमान तले धींगा मस्ती ,उछलकूद, खेत खलिहानों और खुले बगीचों वनों में दौड़ते हुए तितली...

अफगान संकट और भारत की चुनौतियाँ”

डॉ.नीता चौबीसा, बांसवाड़ा राजस्थान अफगानिस्तान में सियासत की घड़ी एक बार फिर दो दशक पीछे खड़ी नजर आ रही है जब काबुल के किले...

“अरे रामा कजरी तीज का मेला …!”

कजरी तीज पर विशेष.. हमारी संस्कृति डॉ.नीता चौबीसा, बांसवाड़ा राजस्थान भारत एक उत्सवधर्मी देश है, जहां उत्सवों का अपना एक अलग रंग देखने को मिलता...

स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी सेनानियों का योगदान

सलिल सरोज आदिवासी समाज स्वतंत्र संस्कृति का वाहक रहा है इसीलिए उसे किसी का उसके इलाके में जबरन घुसपैठ पसंद नहीं। आदिवासियों का मानना है...

अंतरजातीय विवाह

सलिल सरोज भारत कठोर जाति और धार्मिक व्यवस्था वाला एक पारंपरिक समाज बना हुआ है। जाति और धर्म लोगों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका...

“अवधूत शिव की अर्चना” (भाग 4) ‘नटराज राज नमो नमः..!’

डॉ.नीता चौबीसा, बांसवाड़ा राजस्थान नटराज शिव का आविर्भाव के उस स्वरूप की महिमागान है जिसमे ब्रह्मांडीय ऊर्जा का समष्टि एकीकृत रूप समाहित है जो...

अवधूत शिव की अर्चना” (भाग ३) ‘नटराज राज नमो नमः..!’

डॉ नीता चौबीसा , भगवान शिव को सामान्यतः संहार का देवता माना जाता है किंतु भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों रूपो के लिए...

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