सिरसिया नदी को प्रदूषित करने वाले उद्योग को सील कर कार्रवाई की जाएगी, प्रदूषण नियंत्रण के लिए उद्योगपति तैयार हैं

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सिरसिया नदी को प्रदूषित करने वाले उद्योग को सील कर कार्रवाई की जाएगी, प्रदूषण नियंत्रण के लिए उद्योगपति तैयार हैं

रक्सौल प्रतिनिधि मालंच नई सुबह- दशहरा त्योहार और छठ पर्व से पहले निर्णय लिया गया है कि अगर सिरसिया नदी का प्रदूषण नहीं रुका तो इंडस्ट्री सील कर कार्यवाही की जायेगी।
सोमवार को बीरगंज मेट्रोपॉलिटन सिटी में उद्योगपतियों, जिला प्रशासन, जिला पुलिस कार्यालय प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उद्योगों से निकलने वाले रासायनिक कीचड़ और कचरे को संसाधित करने के बाद ही नदी में भेजा जाना चाहिए और यदि ऐसा नहीं है किया तो उद्योगों को सील कर नियमानुसार जुर्माना लगाया जाएगा।
बीरगंज के मेयर राजेशमान सिंह की चेतावनी के बाद कहा गया कि अगर नदी  प्रदूषित हुई तो उद्योगों को सील कर दिया जायेगा और कार्रवाई की जायेगी।
इससे पहले सुबह महानगर के मेयर सिंह के नेतृत्व में सिरसिया नदी प्रदूषण में मुख्य भूमिका निभाने वाले छह अलग-अलग उद्योगों की निगरानी की गयी।
पिछले दिनों लगातार मॉनिटरिंग के बावजूद उद्योगपतियों द्वारा नदी को प्रदूषित करना बंद नहीं करने पर आज मेयर सिंह खुद मॉनिटरिंग करने पहुंचे और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के प्रबंधकों को बुलाकर नदी में प्रदूषण रोकने के निर्देश दिये।
बैठक में वीरगंज महानगर में संचालित हर उद्योग 6-6 माह में आत्मनिर्भर हो जायेगा। यह भी निर्णय लिया गया है कि निगरानी एवं मूल्यांकन रिपोर्ट महानगर को सौंपी जाये।
इसी तरह, यदि उद्योगपति सिरसिया नदी को प्रदूषित करना बंद नहीं करते हैं, तो बीरगंज महानगर पालिका और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 2077 और पर्यावरण विनियमों के अनुसार कार्रवाई प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में मेयर सिंह ने कहा कि उद्योगपति बीरगंज की जीवन रेखा नदी को प्रदूषित कर रहे हैं और अब जहां प्रदूषण पाया एगा वहां कार्रवाई करने के लिए वह एक तंत्र तैयार करेंगे।
बैठक में सिरसिया नदी के प्रदूषण में मुख्य भूमिका निभाने वाली कंपनी श्री सिद्धि टेक्सटाइल्स, अर्निको प्रोसेसिंग, पैना पेपर्स, न्यू पशुपति इंडस्ट्रीज, मरियम लेदर्स और ग्लोबल लेदर्स के निदेशकों ने कहा कि वे इससे निकलने वाले गंदे पानी को नदी में मिलाने के लिए तैयार हैं। इसका उपचार करने के बाद ही उद्योग का उद्योगपतियों ने नदी प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए महानगर द्वारा किये जा रहे कार्यों को सराहनीय बताते हुए कहा कि वे उद्योग में जल शोधन केंद्र स्थापित करने और बोरिंग से साफ पानी नदी में डालने की व्यवस्था करने को भी तैयार हैं।
बैठक में अरानिको प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के सोचन प्रसाद यादव, ग्लोबल लेदर के सरोज चौरसिया, सिद्धि टेक्सटाइल्स और न्यू पशुपति इंडस्ट्रीज के अशोक मित्तल, मरियम लेदर के बालमुकुंद चौधरी, पाना पेपर्स वॉकर्स के सुभाष पटेल और अन्य ने भाग लिया।
इससे पहले महानगर निगम ने नदी प्रदूषण में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए 5 उद्योगों पर 3/3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

 

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