प्रीति स्पर्श
—–डॉ. रमेश नारायण पूर्व विभागाध्यक्ष ए0एन0कॉलेज हिंदी विभाग एक नन्हीं सी छुवन की नाव खेकर मैं समुंदर पार जाना चाहता हूं| आंख देखी दूरियों का भूलना, पास की परछाइयों पर झूलना| सांस की भटकन सिहर कर थामना, आंख आंखों…
जीवन के प्रति सात्विक राग के कवि थे महाकवि कृष्ण मोहन प्यारे, जयंती पर साहित्य सम्मेलन ने दी काव्यांजलि,
पटना/ प्रतिनिधि (मालंच नई सुबह) पटना, १५ मई। जीवन के प्रति सात्विक राग और वितराग के अमर गायक थे महाकवि कृष्ण मोहन प्यारे। किंतु उनकी काव्य-सधना और अवदान को भी वह मूल्य नहीं मिला, जिससे बिहार के अनेक साहित्यकार वंचित…
’राम मन्दिर’’
—सरोज गिरि राम को काल्पनिक कहने वालों राम का अस्तित्व क्या तुम्हें याद नहीं…. भूल गये जलन में तुम तो ज्वाला को क्या दशरथ का पुत्रेष्ठी यज्ञ तुम्हें याद नहीं …. .ये राम जन्म भूमि है अति पावन कल कल…
चमचम की चकमक चाशनी में भीगी मिठास सा एहसास भाग -1
दयानंद पांडेय मेरा सौभाग्य है कि कुछ दिन मुझे भी ज्ञान बाबू के साथ रहने, घूमने और रिपोर्टिंग करने का सौभाग्य मिला है। तब के दिनों मैं विद्यार्थी भी था और पत्रकारिता का ककहरा भी सीख रहा था। ज्ञान बाबू…
शिक्षकों को पेशेवर बनाना ही होगा होगा : डा. ध्रुव
पटना।प्रतिनिधि(मालंच नई सुबह) पटना सिटी। ” छात्रों के समग्र विकास में नई शिक्षा नीति मील का पत्थर साबित होगी । शिक्षा के साथ साथ छात्रों में राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण हो सकेगा । “ ये बातें आज मानस पथ स्थित…
आध्यात्मिक चेतना और मंगलभाव की कवयित्री हैं माधुरी भट्ट साहित्य सम्मेलन में कवयित्री की दो पुस्तकों ‘काव्य-दर्शनी सोबती वल्लभ’ तथा ‘पूरब की ओर’ का हुआ लोकार्पण
पटना ।प्रतिनिधि(मालंच नई सुबह)पटना, २७ अप्रैल। समाज की चिता को प्राथमिकता में रखनेवाली विदुषी साहित्यकार और समाजसेविका माधुरी भट्ट आध्यात्मिक चेतना और मंगलभाव की कवयित्री हैं। युवाओं में भटकाव, संस्कार हीनता, स्त्रियों और कमज़ोरों का उत्पीड़न, अत्याचार, मानव जाती का…
स्त्री की उम्र
स्त्री को अपनी उम्र का डॉक्टर मीरा श्रीवासत्व सही पता कभी भी नहीं होता , न ही जब वह बेटी थी और न ही तब जब वह पत्नी बनी पुरुष तय करते हैं उसकी उम्र समय और स्थिति के अनुसार…
सृजन, समालोचना व संपादन तीनों में श्रेष्ठ हैं शिवनारायण : डॉ ध्रुव
पटना /प्रतिनिधि/(मालंच नई सुबह)पटना हिन्दी साहित्य के विशिष्ट कवि- ग़ज़लकार, कथाकार, उपन्यासकार, समालोचक व सम्पादक डॉ शिवनारायण राजधानी पटना ही नहीं संपूर्ण साहित्यिक जगत की गतिविधियों के केंद्र में हैं I वे जितने अच्छे कवि- उतने ही मंजे हुए ग़ज़लगो,…
दैनिक जीवन में हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग के संकल्प के साथ बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन का दो दिवसीय 41वां महाधिवेशन का शुभारंभ हुआ
पटना /प्रतिनिधि(मालंच नयी सुबह ) पटना I साहित्य को जन-जन तक पहुंचाने और हिंदी को लोकप्रिय बनाने के लिए जन-जागरूकता और दैनिक जीवन में हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग के संकल्प के साथ बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन का दो दिवसीय 41वां…