जलता तन या फिर मन

 प्रियांशु त्रिपाठी   उलझा रहा बड़ी देर तक इस एक कशमकश में कि जलता तन या फिर मन या दोनों ही जल जाते हैं देर से आने वाले शख़्स जल्दी...

क्या यही है महिलाशक्तिकरण?

प्रेमलता सिंह, पटना, बिहार औरत अगर ठान लेती तो कब का पितृसत्ता समाप्त हो गया रहता।औरतें आजतक अपने अंदर की शक्ति को पहचानी ही नहीं...

मानव मूल्यों की महत्ता

-डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहितकवि,साहित्यकार  जिला झालावाडराजस्थान मानव सृष्टि का सबसे खूबसूरत विकसित मस्तिष्क वाला जीव ईश्वर की अनमोल कृति है। जो सोचता है बोलता है...

बाल कवयित्री शुभांगी शर्मा ने किया दोहा विशेषांक का विमोचन

 पटना डेस्क (मालंच नई सुबह ) भवानीमंडी:- अखिल भारतीय साहित्य परिषद भवानीमंडी द्वारा प्रकाशित साहित्य दर्शन ई पत्रिका का ऑनलाइन विमोचन समारोह गुरुवार को...

” भाषा यदि गुलाम रही तो देश की आजादी के बाद भी, पराधीनता का...

पटना पटना,/प्रतिनिधि(मालंच नई सुबह ) 01/09/2021! " हमारे अमर साहित्यकारों ने ठीक ही कहा है कि " देश और भाषा की आजादी में सर्वाधिक...

डा दीन के काव्य में ही नहीं प्राण में भी कबीर थे,डा उषा रानी...

पटना,/प्रतिनिधि(मालंच नई सुबह ) १ सितम्बर। स्तुत्य कवि और शिक्षाविद प्रो सीताराम 'दीन' हिन्दी के एक ऐसे महान कवि हुए, जिनके काव्य में ही...

नज़र आपकी

  --प्रियांशु त्रिपाठी मुझे जो आप बदला देख रहे है मुझे आप एकतरफ़ा देख रहे है भार सब दिल ने संभाल रखे हैं आप हुज़ूर मेरा चेहरा देख रहे है कानों...

कान्हा मेरे कान्हा

कान्हा मेरे कान्हा जी अनुभव राज,मुज़फ़्फ़रपुर सभी के प्यारे कान्हा जी यशोदा माँ के लाडले नंद दुलारे कान्हा जी गोपी संग प्रेम में रास रचाये कान्हा जी नाग कालिया के फन...

बनारस की एक शाम और केरला कैफे की रौनक

प्रियांशु त्रिपाठी थका हारा शरीर आराम ढूँढ रहा था और हमने इसे इतना आराम दिया कि मैं और तोशवंत सुबह 7:30 में उठते हैं ।...

पान बनारसिया

 प्रियांशु त्रिपाठी बनारस आये और बनारसी पान ना खाये तो क्या ही बनारस आने का फायदा । इसी सोच से हम पाँच केरला कैफे के...

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