गीत मेरे नाम के लिखना सनम

0

——राजकान्ता राज

गीत मेरे नाम के लिखना सनम

शायरी को पुर-अदब पढ़ना सनम

मैं लिखूं ग़ज़लें तुम्हारे वस्ल की

छेड़ दूं जब तान तुम सुनना सनम

मैं बनूंगी ताल – सुर, संगम सभी

महफ़िलों की शान तुम बनना सनम

ज़िंदगी की रेस में हर मोड़ पर

प्यार से सजदा अदा करना सनम

 चाक पर रखना मुसलसल

नेमतें नर्म हाथों से घड़ा गढ़ना सनम

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here