कविता को स्वच्छंद शैली में प्रस्तुत करती है डॉ. आरती कुमारी की कृति ” धड़कन का संगीत !”: सिद्धेश्वर

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 पटना/डेस्क (मालंच नई सुबह) 31/01/2022! ” समकालीन कवयित्रियों में एक प्रमुख नाम है डॉ आरती कुमारी का,  जो लंबे समय से अपने  गीत गजलों के माध्यम से पाठकों के  हृदय में रची बसी हुई हैं l-“एहसासों से बांध के मुझको ले चल ऐसे गांव?ताल, तलैया, पंछी, पर्वत, हो पीपल की छांव l”

भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वाधान में  फेसबुक के “अवसर साहित्यधर्मी पत्रिका ”  पेज पर ऑनलाइन आयोजित ” मेरी पसंद: आपके संग “के तहत  प्रतिष्ठित कवयित्री डॉ आरती कुमारी की नवीन काव्य कृति “धड़कन का संगीत ” की समीक्षात्मक टिप्पणी प्रस्तुत करते हुए उपरोक्त उद्गार संस्था के अध्यक्ष सिद्धेश्वर ने व्यक्त कियेl

उन्होंने कहा कि -” इसमें कोई शक नहीं कि  डॉ आरती कुमारी ने अपनी नवीन  काव्य कृति  ” धड़कनों का संगीत ”  के माध्यम से कविता को  स्वच्छंद शैली में  पाठकों के हृदय की धड़कन  बनाने  की सकारात्मक पहल की है|

 मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार  भगवती प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि -” डॉ आरती कुमारी  काव्य मंचों पर एक गजलगो के रूप में  उतनी ही लोकप्रिय हैं, जितनी गंभीर पाठकों के बीच l

 शरद नारायण खरे ( म.प्र.) ने कहा कि -” डॉ आरती कुमारी जी की कविताओं में एक दिव्यता व ऊर्जा अवस्थित है।

 डॉ कामिनी कुमारी दास (नई दिल्ली ) ने  विस्तृत  समीक्षात्मक टिप्पणी देते हुए कहा कि -”  जिंदगी के हर पहलू को स्पर्श करने में कामयाब है आरती कुमारी की कविताएं l

 कार्यक्रम के  दूसरे सत्र में चर्चित कवयित्री डॉ आरती कुमारी( मुजफ्फरपुर) से  ऑनलाइन भेंटवार्ता में  सिद्धेश्वर ने  सवाल किया कि -”  काव्य की लगभग सभी उप  विधाओं पर सृजन  पर लेती हैं आप,   लेकिन आपको मुख्य रूप से लोग गजल के लिए जानते पहचानते हैं l  आप स्वयं को पहले कवयित्री समझती हैं या एक शायर ? ”  सवाल के जवाब में डॉ आरती कुमारी ने कहा कि -” मैं खुद को एक रचनाकार समझती  हूँ। कभी कभी एक विचार कागज़ पर उतरते उतरते अपना स्वरूप ले लेता है।

 इस ऑनलाइन “आमने -सामने और ” पुस्तकनामा ”  कार्यक्रम में दुर्गेश मोहन,  संतोष मालवीय, ज्योत्सना सक्सेना, बृजेंद्र मिश्रा,  ललन सिंह, खुशबू मिश्र, डॉ सुनील कुमार उपाध्याय, संजय रॉय, अनिरुद्ध झा दिवाकर, बीना गुप्ता, स्वास्तिका,  अभिषेक श्रीवास्तव आदि की भी भागीदारी रही।

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