आंगनबाड़ी सेविकाओं ने लगाई सीडीपीओ पर आरोप
पटना,प्रतिनिधि (मालंच नई सुबह,) पटना।पटना सदर अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों की चौकाने वाला मामला प्रकाश में आया है। यहां न बच्चों को सही ढंग से सुपोषित आहार मिल पा रहा है और ना ही अधिकतर केंद्रों पर खाद्य सामग्री(सूखा अनाज एवं पोषाहार) का वितरण हो रहा है। केंद्र की सेविका और सहायिका के मुताबिक नई सीडीपीओ कुमारी उवर्शी के चलते स्थिति पहले से दयनीय हो गई है। परियोजना(2) के लगभग 192 आंगनबाड़ी केंद्रों में जैसे-तैसे THR (टेक होम राशन) से ही सबकुछ मेंटेन करना पड़ रहा है। सेविकाओं और सहायिकाओं का आरोप है कि नई सीडीपीओ THR में से 3800 रुपये लेने के बाद भी अब रूम रेंट में से 1000 रुपए एक्स्ट्रा केंद्र की सेविका से ले रही हैं। जिससे सूखा अनाज और पोषाहार वितरण करने व केंद्र पर बच्चों को सुपोषित आहार खिलाने में बहुत परेशानी हो रही है।
सेविकाओं और सहायिकाओं के मुताबिक परियोजना(2) अंतर्गत लगभग 192 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। अगर इस हिसाब से देखा जाए तो एक आंगनबाड़ी केंद्र से सीडीपीओ 4800 रुपये हर महीने लेती हैं तो महीने का कुल 9,21,600 रुपए वो आंगनबाड़ी केंद्रों से उठा रही हैं|
सेविका और सहायिका के मुताबिक पहले वाली सीडीपीओ THR (टेक होम राशन) में से हर महीने 3300 रुपये लेती थीं। लेकिन नई सीडीपीओ की डिमांड बढ़ गई है। हाल ही में परियोजना(2) अंतर्गत कार्यभार ग्रहण करने वाली सीडीपीओ कुमारी उवर्शी ने आने के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों से कलेक्शन शुरू जिन सेविकाओं के द्वारा सीडीपीओ की वसूली की जानकारी दी गई। अब उन्हें सीडीपीओ दफ्तर में बुलाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही हैं। दबाव बना रही हैं। जिससे वयोवृद्ध सेविकाओं का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।
परियोजना(2) के सेविकाओं के बीच ही सीडीपीओ की एक खास व विश्वासी सेविका हैं। जो अन्य सेविकाओं से रुपये कलेक्ट कर के सीडीपीओ तक पहुंचाती हैं। जब किसी कारणवश ये कलेक्शन नहीं कर पाती हैं तो सेविकाओं को सीडीपीओ का हिस्सा उनके दफ्तर तक पहुंचानी पड़ती है
पूरा मामला ICDS विभाग के पटना डीपीओ मो.कबीर आलम के संज्ञान में है। पत्रकरों के द्वारा वीडियो फुटेज के साथ जानकारी देने के बाद उन्होंने कहा कि “मैं इस मामले में कुछ बोलने के लिए अधिकृत नहीं हूं” हालांकि उन्होंने अन ऑफिशियल तौर पर कहा कि अगर ऐसा मामला है तो निश्चित तौर पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जो सेविका और सहायिका कुछ कहना चाहती हैं या उन्हें कोई परेशानी है तो हमें लिखित तौर पर शिकायत दें।करा दी हैं।
बिहार का समाज कल्याण विभाग पहले से सुर्खियों में रहा है। खैर, पटना सदर- 2 की हीं दो सेविकाओं क्रमशः मंजू कुमारी और किरण कुमारी ने हिम्मत दिखाते हुए डीपीओ से लिखित तौर पर सीडीपीओ के भ्रष्टाचार की शिकायत की थीं वहीं इसका प्रतिलिपि कई वरिय पदाधिकारियों को भी दी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बता दें कि पटना शहरी क्षेत्र में सेविका और सहायिका के मुताबिक THR के अलावा प्रति महीने 4000 रुपये रेंट के तौर पर मिलता है। जबकि सेविका को 5950 रुपये और सहायिका को 2950 रुपये मानदेय मिलता है।
गौरतलब है कि इस मामले में सीडीपीओ से भी पक्ष जानने की कोशिश की गई। जिसमें उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया साथ ही यह कहा कि अभी मुझे आए एक महीने ही हुए हैं इस दौरान सेविकाओं से एक बार ही मीटींग हुई है, सभी सेविका हमसे खुश रहती हैं जो शिकायत कर रही है उनको मेरे पास आना चाहिए था