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सावन उत्सव में खिले चेहरे- झूमी सखियां
पटना I सावन की हर अदा निराली है I इसके आते ही मन में उत्साह और उमंग का भाव कुलबुलाने लगते हैं I इस के आगमन के दस्तक मात्र से ही प्रकृति का कण-कण झूम उठता है I ऐसे में मन की वीणा के तार झंझानाने लगते हैं और इसकी धमक हर कोई महसूस करता है और मन मयूरा नाच उठता है I कुछ ऐसा ही मंजर महेंद्रू स्थित व्योम सभागार में आयोजित सावन उत्सव में शनिवार को देखने को मिला I
अलका साहू, सुनीता गुप्ता और अंजू जायसवाल के संयोजन में खुले नभ के नीचे हरे भरे पेड़-पौधों के बीच हरी साड़ियां हरी चूड़ी और हरी बिंदी में सजी-संवरी सखियों ने कविताओं और सावन की फिल्मी गीतों पर खूब ठुमके लगाएं I इस दौरान बरखा की मस्ती भरी यादों में सखियां डूबती- उतराती रहीं I
कार्यक्रम की शुरुआत में अनीता, नीतू साहू, शोभा शर्मा, कंचन माला, कुमारी पूनम, अंजू, अलका, सुनीता सहित तमाम सखियों ने सावन की मस्ती भरे गीतों पर मोहक नृत्य प्रस्तुत कर सबका दिल जीता I फिर शुरू हुआ कविताओं के साथ हंसी- ठिठोली का दौर I किसी के दिल से निकली आवाज-
सावन के झूले पड़े हैं तुम चले आओ… तो किसी ने की मनुहार – गोरी हैं कलाईयां तू ला दे मुझे हरी- हरी चूड़ियां – अपना बना ले मुझे बालमा….
अलका ने अपने दिल की बात इन पंक्तियों में कही- सावन की घटायें बरखा बनके छाये, हरी-भरी धरती सुन्दर सबके मन को लुभायें I
सुनीता ने कहा- सावन की बारिश की अदा खूब निराली है, खिल उठे पेड़ और पौधे छाई चारों ओर हरियाली है I अंजू ने गुनगुनाया- इस मौसम में छोड़ के तुम काहे परदेस जाए हो, तेरे आ जाने की आहट से देखो मस्ती मन बादल छाए हो I
झूला, बादल, मेहंदी और रिमझिम बारिश की फुहारों की मस्ती भरी यादों में अंजू, अलका, सुनीता, अनीता, नीतू साहू, शोभा शर्मा, कंचन माला, कुमारी पूनम, निहारिका, प्रभा, रचना, रिचा, रीना, नीलम, सुनीता अमीषा, प्रीति, रेणु, प्रीति साहा, संगीता, भावना, अंजू, संजू, रंभा, पूनम सहित तमाम सखियां देर शाम तक सावन की गीतों पर थिरकती रही I