मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

साहित्य

साहित्य सम्मेलन के ४१वें महाधिवेशन की तिथि बढ़ाई गई /अब २-३ अप्रैल को आयोजित होगा दो दिवसीय साहित्यिक कुम्भ, सरस्वती पुत्रों का होगा सम्मान,

 उपसमितियों के गठन भी शीघ्र, कार्यसमिति में लिए गए निर्णय पटना/प्रतिनिध पटना (मालंच नई सुबह) पटना, २७ जनवरी। आगामी १२-१३ फरवरी को आहूत होने वाला बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का ४१वाँ महाधिवेशन अब २-३ अप्रैल को आयोजित होगा। कोबिड-१९ के…

सम्पादकीय साहित्य

हम एक दूसरे की कद्र किए बिना सुखी परिवार और सुखी परिवार बिना सुखी समाज नही बना सकते

पूनम आनंद पटना परिवार की नीव पति  पत्नी के आधारस्तंभ से ही शुरू होती है। पति पत्नी बनते हैं एक साथ अनेक रिश्तो की शाखा खुद ब खुद निकल आती है। आपसी प्रेम के अद्भुत संगम का तिकोनिया चतुर्भुज रूप…

मकर संक्रांति

बजरंग लाल केजड़ीवाल ‘संतुष्ट तिनसुकिया, असम देखो देखो सूर्य देव अपना पाला बदल र हेदक्षिण से निकल करउ त्तर की ओर बढ़ रहे सूर्य जो थे धनु राशि पर आ रहे वे मकर राशि पर बड़ा अजीब नजारा है ये…

निगरानी

नीना सिन्हा,कलमकार पटना, “रात को साढ़े बारह बजे कहाँ से आ रहे हैं, साहबजादे?” पिता ने प्रश्न किया। “क्या पापा! आप हद करते हैं! मैं अक्सर इसी वक्त घर आता हूँ। मैं पढ़ा-लिखा बेरोज़गार इंसान, समय काटना मुश्किल है, करूँ…

साहित्य

पतंग

                                -डॉ. राजेश पुरोहित आदमी की जिंदगी पतंग सी कभी रंग बिरंगी चमकती डोर कट जाये रिश्तों की तो न जाने कहाँ कहाँ भटकती लक्ष्य…

खुले आसमान में खुशियाँ उड़ी

(डाॅ पुष्पा जमुआर, पटना खुले आसमान में खुशियाँ उड़ी जिन्दगी में रंग घुली जब मन के कोने से निकल कर रंगों भरी  मेरी पतंग उड़ी । सारे ग़मों को भूला कर अपना-पराया भूल कर मजबूत डोर में बन्ध कर उड़ी…

साहित्य

चित्रगुप्त की पुण्यतिथि पर जीकेसी की साहित्यिक प्रस्तुति

पटना डेस्क(मालंच नई सुबह) पटना, नयी दिल्ली 11 जनवरी ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के सौजन्य से महान संगीतकार चित्रगुप्त श्रीवास्तव की पुण्यतिथि 14 जनवरी के अवसर पर साहित्यिक प्रस्तुति का आयोजन किया जा रहा है।  जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ…

प्रिंट मीडिया का विकल्प, मोबाइल साहित्य कभी नहीं हो सकता !” : सिद्धेश्वर

पटनाडेस्क (मालंच नयी सुबह) :10/01/2021! ” साहित्य का सृजन भले पन्ने पर होता हो, किंतु  पाठकों को पढ़ने के लिए प्रिंट मीडिया ही चाहिए ! यानी प्रिंट मीडिया का विकल्प मोबाइल साहित्य कभी  नहीं हो सकता l “ भारतीय युवा…

एक हैं आनंदी प्रसाद बादल

डॉ ध्रुव कुमार 89 वर्षीय आनंदी प्रसाद बादल। देश के जाने-माने चित्रकार, जिनके चित्रों में लोक-संस्कृति की गंध है, सामाजिक जीवन के विविध रंग है, जो दर्शकों को सम्मोहित करते हैं और बेचैन भी । उनके चित्रों में ग्राम संस्कृति…

ज़िंदगी

–प्रियांशु त्रिपाठी ज़िंदगी फ़ुरसत ना मिले फिर भी अपना ख़्याल रखना और हर रोज़ बेहतर होने की ख़ातिर दिल में बस एक सवाल रखना कि कल सुबह मेरी ज़िंदगी में क्यों हो? क्या मक़सद हो कल उठने का? जवाब मिले…

पापा तेरे जाने के बाद

 –अनिल रश्मि मैं नन्हीं सी ,प्यारी सी बेज़ुबान , “परी ” रोती है़ पा ss पा ss तेरे जाने के बाद …। जब मैं सो रही होती हुँ , तुम मुझे छोड़ चल देते हो , मेरे काँपते हुए होंठ…

साहित्यकार वृंदावन लाल वर्मा की जयंती समारोह का किया गया आयोजन

फारबिसगंज अररिया:-/प्रतिनिधि (मालंच नई सुबह)फारबिसगंज पंचवटी साहित्य मंच के द्वारा महान साहित्यकार  वृंदावन लाल वर्मा की जयंती कवि सुरेश कंठ जी के निजी निवास पर रविवार को मनाई गई ।  इनका जन्म 9 जनवरी 1889 में मऊरानीपुर उत्तर प्रदेश में…