मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

साहित्य

लिफ्ट

 ऋचा वर्मा रोज की तरह आज फिर विक्रम ने स्कूटी की हैंडल थाम ली और गरिमा पीछे बैठ गई। “लेकिन हम जा कहां रहें हैं”, गरिमा ने अकचका कर पूछा। “अरे मैडम जी, पिछले तीन दिनों से आप मुझे अपने…

चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर जुमलेबाजी का दौर

आज के इस तकनीकी युग में जहाँ सोशल मीडिया आप के जीवन में बहुत महत्व रखता है । उस सोशल मीडिया पर लोकतंत्र का असर होना लाज़मी है पर जिस तरीके की राजनीति सोशल मीडिया पर दिखाई देर रही ये…

“सिर्फ अधिकारों का ही नहीं,कर्त्तव्यों की भी पहचान करें”

बजरंग लाल केजडी़वाल ‘संतुष्ट’तिनसुकिया, असम कष्ट झेल स्वतंत्र हुए पाया निज गौरवबेड़ियों से मुक्ति पा मानवता मुस्कुराई। अपना संविधान बना अधिकार कर्तव्य तय किए देश गणराज्य बना जग में नई पहचान पाई। हम सब एक हुए अब एक निशान एक…

वाजा इंडिया बिहार की  महिला इकाई की प्रथम बैठक

पटना/प्रतिनिधि (मालंच नई सुबह)पटना बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन में लेखकों और पत्रकारों के साझा मंच राइटर एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन वाजिया इंडिया की बिहार प्रदेश की महिला इकाई की प्रथम बैठक 8 सितंबर को संपन्न हुई।प्रोफेसर भूपेंद्र कलसी की अध्यक्षता में…

अंतर्दृष्टि के व्यापक कैनवास पर चित्रित है, रशीद … गौरी की कलाकृतियां !”: सिद्धेश्वर

पटना  07/09/2021 ! ” जीवन के विविध प्रसंगों को अभिव्यक्त करने में रशीद गौरी की कलाकृतियां, पूर्णत: सक्षम है, इसमें कोई दो मत  हो ही नहीं सकता l साहित्य के इतिहास में,रशीद गौरी एक अमिट हस्ताक्षर के रूप में अंकित…

संवेदनशील और संभावनावान कवि हैं रजनीश कुमार गौरव, पहली काव्य-कृति ‘हमें भी कुछ कहना है’ का हुआ लोकार्पण

पटनाप्रतिनिधि (मालंच नई सुबह) ७ सितम्बर। हिन्दी और भोजपुरी के युवा साहित्यकार रजनीश कुमार गौरव, कोमल भावनाओं से युक्त एक संवेदनशील और संभावनावान सुकवि हैं। इनकी प्रथम काव्य-कृति ने ही सिद्ध कर दिया है कि कवि की भावभूमि व्यापक और…

नाश्ता

ऋचा वर्मा  सरकारी स्कूलों के बच्चे प्रायः वैसे नहीं रहते जैसे अनीता रहती… लकदक साफ – सुथरे कपड़े, सलीके से बंधे बाल, कक्षा में अच्छा प्रदर्शन, सत्र के शुरूआत से ही मधुरिमा मैडम जैसी कर्तव्यनिष्ठ शिक्षिका उससे प्रभावित थीं। लेकिन…

साहित्य

गुरु कौन

डॉक्टर सीमा रानी ‌गुरु कौन नहीं है ?पृथ्वी पर प्रत्येक प्राणी प्रत्येक वस्तु प्रत्येक व्यक्ति प्रत्येक तत्व में गुरु है ।और प्रत्येक तत्व में गुरु तत्व है। अनादि काल से सीखने-सिखाने की परंपरा चली आ रही है ।धरती की उत्पत्ति…

गुरु पर दोहे—-

—-मधु रानी लाल गुरु की महिमा क्या कहूँ, गुरु  तो  ईश   समान | प्रखर  सूर्य  सम तेज है, गरिमा  बहुत   महान ||   गुरु  ही  हैं  इंसान के, ज्ञान  –  रूप   संसार | निज अनुभव के ज्ञान से, दूर   करें  …

शिक्षक

इन्दु  उपाध्याय शिक्षक.. शि – शिखर तक ले जाने वाला क्ष- क्षमा की भावना रखने वाला क –   कमज़ोरी दूर करनेवाला अर्थात्… जो विद्यार्थी की हर गलती को क्षमा करने की भावना रखे और उसकी हर कमज़ोरी को दूर कर…

जलता तन या फिर मन

 प्रियांशु त्रिपाठी   उलझा रहा बड़ी देर तक इस एक कशमकश में कि जलता तन या फिर मन या दोनों ही जल जाते हैं देर से आने वाले शख़्स जल्दी क्यों चल जाते हैं जन्म वाले छलकते आँसू सबके आँखों…

क्या यही है महिलाशक्तिकरण?

प्रेमलता सिंह, पटना, बिहार औरत अगर ठान लेती तो कब का पितृसत्ता समाप्त हो गया रहता।औरतें आजतक अपने अंदर की शक्ति को पहचानी ही नहीं । औरतों में जलन की भावना कुछ ज्यादा ही होती हैं। भाभी, ननद, जेठानी, देवरानी,…