विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने पूछे आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े सवाल
धनबाद :/प्रतिनिधि(मालंच नई सुबह)राज्य भर के जेलों में पुलिस अधिकारियों द्वारा लगातार छापेमारी कर अपराध में अंकुश लगाने का भरपूर प्रयास किया जाता है, बावजूद अपराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर है. जेलों के अंदर बैठे कैदी बड़े आराम से 4G व 5G नेटवर्क वाले मोबाइल के जरिये फ़िरौती व रंगदारी मांग रहे हैं.
झारखंड विधान सभा के मानसून सत्र में विधायक झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े ऐसे कई सवाल पूछे. अल्पसूचित प्रश्र पर विभागीय मंत्री के उत्तर से पता चलता है कि 5G के जमाने में आज भी झारखंड के जेलों में 2G ज़माने वाला जैमर लगा हुआ है.
झरिया विधायक ने जानना चाहा कि राज्य के विभिन्न जेलों में लगे जैमर उन्नत तकनीकी से लैस नहीं है या फिर 4G फोन नेटवर्क पर बेअसर है. 2G तकनीक होने के कारण जेलों में कैदी 4G फोन नेटवर्क का उपयोग कर फोन, वीडियों कॉल करते हैं. जवाब में बताया गया कि राज्य के विभिन्न काराओं में 2G जेम्मर वर्ष 2010-11 में अधिष्ठापित किये गये थे. चूंकि ये 2G जेमर हैं, इसलिए हायर जनरेशन की फ्रीक्वेंसी 3G / 4G पर प्रभावी नहीं है.
दूसरे सवाल सभी जेलों में उन्नत तकनीक से लैस 4G / 5G फोन नेटवर्क जैमरों का उत्क्रमण नहीं होने के कारण जेल में बंद अपराधियों, कैदियों द्वारा मोबाइल फोन का दुरुपयोग के जवाब में कहा गया कि काराओं में 4G जेमर के अधिष्ठापन का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है. काराओं में मोबाइल फोन जैसे प्रतिबंधित उपकरणों के प्रवेश को रोकने के प्रभावी उपाय किए गए है. तीसर सवाल के जवाब में कहा गया कि राज्य के सभी जेलों में उन्नत तकनीक से लैस 4G / 5G फोन नेटवर्क जैमर के अधिष्ठापन का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है.