पटना।प्रतिनिधि(मालंच नई सुबह)
आज IMA सभागार में सवर्ण सेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक सह सम्मान समारोह आयोजित किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष भागवत शर्मा ने कहा कि सवर्ण सेना के लगातार संघर्षों की बदौलत आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों (EWS) को जो आरक्षण मिला है उसमें काफ़ी सुधार की जरुरत है। अभी जो 10% आरक्षण मिल रहा है वो लॉलीपॉप के समान है। इसे कम से कम 20% तक किया जाना चाहिए। इसके साथ ही गरीब सवर्णों को अन्य आरक्षित श्रेणी के समान अनेकों लाभ से वंचित किया जा रहा है उसे भी सरकार कप जल्द से जल्द लागू करना चाहिए।
सवर्ण सेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने निम्न माँगों को सर्वसम्मति से पारित किया जिसमें EWS कोटि छात्रों-अभ्यर्थियों के लिए उम्र सीमा में छूट, न्यूनतम अहर्ता अंक में छूट, विभिनम प्रतियोगी परीक्षा शुल्क में छूट, विभिन्न वोकेशनल कोर्स जैसे इंजीनियरिंग, मेडिकल,एमबीए आदि के फीस को माफ़ कर गरीब सवर्णों के लिए निःशुल्क किया जाए। मुख्यमंत्री सिविल प्रोत्साहन योजना के तहत BPSC PT पास करने पर ₹50000 की एवं UPSC PT पास करने पर ₹1,00,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाए। शिक्षक पात्रता परीक्षा STET, CTET, BETET के परिणाम में EWS वर्ग के अभ्यर्थियों को 5% की छूट दी जाए, वहीं सभी जिलों में EWS छात्रावास एवं आवासीय विद्यालय (श्रीकृष्ण बाबू एवं अनुग्रह बाबू के नाम पर) बनाए जाएँ। EWS वर्ग के छात्रों के उच्च शिक्षा के लिए प्रतिमाह पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप के तर्ज प्रतिमाह ₹5000 छात्रवृत्ति दी जाए।
सवर्ण सेना के प्रदेश अध्यक्ष सानू सनगही ने घोषणा करते हुए कहा कि सवर्ण सेना इन माँगों के लिए बिहार के सभी जिलों में क्रमबद्ध तरीके से आंदोलन चलाएगा एवं विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पटना में विशाल प्रदर्शन करेगा। उन्होंने सरकार को तीन महीने का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर सरकार 3 महीनों के अंदर हमारी माँगें पूरी नहीं करती है तो हम अपना आंदोलन तेज करेंगे और सभी सवर्ण जातियों को एकजुट कर सरकार के खिलाफ व्यापक वरोध-प्रदर्शन करेंगे। इसका असर 2024 के लोकसभा एवं 2025 के बिहार विधानसभा में भी देखने को मिलेगा। बैठक में प्रधान महासचिव अमित विक्रम, राष्ट्रीय प्रवक्ता आशीष मिश्रा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गुलशन चौधरी, कौशल सिंह राजपूत सहित बिहार के सभी जिलों के प्रतिनिधि इस अवसर मौजूद थे। सभी ने सवर्ण सेना की माँगों का समर्थन करते हुए आंदोलन की भी चेतावनी दी।