मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

Month: December 2021

साहित्य

मेरा गाँव

        मेरा गाँव कुमारी ईला कृति कहाँ गई वो आम की डाली, कहाँ गए वो झूले | कहाँ गए वो ताल- तलैया, और गाँव के मेले | चुनमुन,राधा,श्याम और भोला ,अब लुका- छुपी न खेले | कहाँ…

हमारी सृजनशीलता को एक नया आयाम देने की कोशिश करता है, नए वर्ष का संकल्प !”: सिद्धेश्वर

 पटना डेस्क (मालंच नयी सुबह) 29/12/2021 !”  हर बाधा से तुरंत निवारण, रेत -धूल- कंकड़ -पत्थर, सब  सोना कर दूंगी !, जादूगरनी हूं मैं, जादू टोना कर दूंगी, आसमान के सूरज को भी  बौना कर दूंगी !”  गाजियाबाद की कवयित्री…

बिहार विमेंस अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित हुई डॉ सिमी कुमारी

पटना/प्रतिनिधि जितेन्द्र कुमार सिन्हा,पटना, 29 दिसम्बर (मालंच नई सुबह) पटना की सुप्रसिद्ध महिला चिकित्सक डॉ सिमी कुमारी को बिहार विमेंस अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया। डॉ सिमी कुमारी महिला रोग विशेषज्ञ के साथ-साथ आँकोलोजिस्ट और निसंतानता स्पेसलिस्ट भी हैं।…

पटना /आस-पास

मिर्ज़ा ग़ालिब की जयंती पर काव्य गोष्ठी आयोजित…..

पटना/प्रतिनिधि(मालंच नई सुबह) मिर्जा गालिब की जयंती पर राज्य कर सहायक आयुक्त व शायर समीर परिमलऔर युवा कवि मुकेश ओझा द्वारा काव्य गोष्ठी का आयोजन वर्मा सेंटर इंस्टिट्यूट फिजिक्स में किया गया !जिसमें मुख्य रूप से वरिष्ठ शायर खुर्शीद आलम…

जन्म के समय ईसा मसीह का नाम एमानुएल था और इस शब्द का अभिप्राय मुक्ति प्रदान करने से है ::

जितेन्द्र कुमार सिन्हा विभिन्न धर्म के लोग भारत में रहते हैं, जिनमें हिन्द, मुस्लिम, सिख,  ईसाई और बौद्ध प्रमुख है।  यही कारण है कि सभी तरह के पर्व, धर्म निरपेक्ष भारत में  मनाया जाता हैं। ईसाई धर्म के लोगों का…

शोध-नवाचार से ही होगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा : कुलसचिव डॉ जीतेन्द्र

पटना/प्रतिनिधि(मालंच नई सुबह) पटना । ” पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ० जितेन्द्र कुमार ने कहा है कि शोध और नवाचार के बिना विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना संभव नहीं है I ” वे आज दानापुर में आयोजित आर. एन….

सबके लिए प्रेरणास्रोत है अटलजी 

अश्विनी कुमार चौबे  केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार के राज्यमंत्री हैं भारत की इस वीर,पूण्य व प्रतापी भूमि पर 25 दिसंबर के दिन का ऐतिहासिक महत्व है. इस दिन…

माँ

उस बुजुर्ग महिला को फर्श पर पोछा लगाते देख मेरे मन के भीतर एक अजीब सी सिहरन और दर्द का ज्वार-भाटा उत्पन्न हो रहा था। वह खांस भी रही थी और अपना काम भी कर रही थी।तभी भीतर से तेज…

सम्पादकीय

मैं आप सबसे पूछना चाहती हूं क्या गमछा गंवारों का पहनावा है.?

जो स्थान मां के आंचल का है, वही पिता के गमछे का। विवाह के बाद विदा होती बेटी पिता के सीने से लगकर रोती है। पिता अपने गमछे से उसके आंसू पोछता है। यह गमछा एक प्रतीक है। भरोसे का,पिता…

कायस्थों को विशेष जिम्मेदारी देने की जरूरत : अरविंद केजरीवाल

कायस्थों को विशेष जिम्मेदारी देने की जरूरत : अरविंद केजरीवाल [नई दिल्ली /प्रतिनिधिजितेन्द्र कुमार सिन्हा 19 दिसम्बर ::देश की आजादी की लड़ाई, प्रशासनिक ढांचे को सुव्यस्थित बनाने में कायस्थों का महत्वपूर्ण योगदान और राष्ट्रहित में योगदान के लिए हमेशा तैयार…