मोदी अगर कार्य व्यवहार से 56 इंची सीना का परिचय दें तो उनका 400 पार सपना पूरा हो जा सकता है

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मोदी अगर कार्य व्यवहार से 56 इंची सीना का परिचय दें तो उनका 400 पार  सपना पूरा हो जा सकता है

नीरव समदर्शी

पिछले काफी समय से भारत में विपक्षी  दलों द्वारा  भारतीय जनता पार्टी पर अनेक तरह के आरोप लगाया जा रहे हैं । विपक्ष द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी विपक्षी नेताओं पर ई डी और सीबीआई से  रेड करवाती है और हजारों करोड़ों के घोटाले बाज  होने का आरोप लगाती है फिर ईडी के दबाव में उसे अपनी पार्टी में मिलाकर  उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही बंद करवा देती है| इसके अतिरिक्त भारतीय जनता पार्टी पर अनेकानेक भ्रष्टाचार का आरोप भी विपक्षी दलों द्वारा लगाया जा रहा है। जबकि भारतीय जनता पार्टी खास करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है की भ्रष्टाचार के विरुद्ध हमारा जीरो टॉलरेंस है ।किसी भी  व्यक्ति या संस्था को नहीं छोड़ा जाएगा ।प्रधानमंत्री की लंबे-लंबे दावों के बावजूद अजीत पवार जैसे अनेक नेताओं पर प्रधानमंत्री के द्वारा मंचों से भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए और उसके दो-तीन दिनों के अंदर उन्हें भाजपा में शामिल कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही रूकवाई गई ।यह अब छुपी – छुपी बात नहीं रह गई है ।ऐसे में 2024 चुनाव  के ठीक पूर्व  मोदी की गारंटी धूमिल हो चुकी है ।जबकि संपूर्ण भारतीय जनता पार्टी 2024 का चुनाव मोदी के नाम पर ही लड़ रही है

 इसलिए अगर 2024 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता में लौटनी है तो सबसे पहले अपनी विश्वसनीयता कायम करनी होगी ।
उधर शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप पार्टी के सांसद संजय सिंह को जिस तरह से गिरफ्तार किया गया भारतीय जनता पार्टी के द्वारा इलेक्टोरल बांड का खेल खेला गया उससे भी पार्टी की छवि धुमिल हुई है। शराब घोटाले खेल में अरविंद केजरीवाल दोषी है या नहीं यह बात अभी सिद्ध होनी बाकी है। अभी तक जिस कथित बयान पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है उससे संबंधित  कोई भी प्रमाण ईडी के अधिकारियों द्वारा नहीं प्रस्तुत किया जा सका है, लेकिन कथित घोटाला में  ईडी द्वारा आरोपित प्रारंभिक  मुख्य अभियुक्त शरथ चन्द्र रेड्डी अरविंदो फार्मास्यूटिकल के मालिक से 5 करोड़ रूपया भारतीय जनता पार्टी के द्वारा इलेक्टोरल बांड के रूप में लिया गया फिर उसके दो -तीन दिनों के अंदर उन्हें सरकारी गवाह बना दिया गया। यहां ध्यान देने की बात है यह है कि सरकारी गवाह बनने के ठीक पूर्व उन्होंने यह बयान दिया था कि मेरे ऊपर अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के विरुद्ध बयान देने का दबाव ईडी अधिकारियों द्वारा दिया जा रहा है और फिर जब 5 करोड़ रूपया बॉन्ड के रूप में देने के बाद उन्हें सरकारी गवाह बनाया गया तब उन्होंने आप पार्टी के  नेताओं के विरोध बयान दिया ।इस आधार पर आप पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार किया गया ।इस क्रम में अरविंदो फार्मास्यूटिकल के मालिक शरथ चंद्र रेड्डी से  55 करोड़ रूपया का बॉन्ड भारतीय जनता पार्टी द्वारा लिया गया और फिर उन्हें बेल देकर छोड़ दिया गया।
ऐसे में केजरीवाल के विरुद्ध तो सरकारी तंत्र अपना कार्य करती रहेगी किंतु भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और ई डी  की गलत उपयोग के लिएगृह मंत्री अमित शाह स्टेट बैंक के डाटा के अनुसार सीधे तौर पर भ्रष्टाचार में लिफ्ट दिखते हैं।

अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी विश्वसनीयता देश के जनता के बीच बनाए रखनी है तो बयानों को छोड़ अपनी ईमानदारी को सिद्ध करनी होगी ।इस परिस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर जेपी नड्डा और अमित शाह को अभियुक्त बनाकर गिरफ्तार करवा ले और राष्ट्र के नाम यह संदेश दें कि भारतीय जनता पार्टी के ऊपर जितने भी भ्रष्टाचार और ईडी के दुरुपयोग के आरोप है वह सब अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद से है और वर्तमान  सरकार भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंट्स  की नीति पर चलती है। इसलिए गृह मंत्री और हमारे अपनी पार्टी के अध्यक्ष को भी नहीं छोड़ा गया कानून उनके विरुद्ध भी कार्य कर रही है ।तब यह निश्चित पूर्वक उम्मीद की जा सकती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 400 पार का सपना पूरा हो जाए अन्यथा वर्तमान स्थिति में मोदी की गारंटी धूमिल होने से भाजपा के लिए 200 पार कर पाना भी मुश्किल दिख रहा है

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