मोतिहारी के केसरिया प्रखंड में कर्पूरी चर्चा का हुआ आयोजन
मोतिहारी प्रतिनिधि मालंच नई सुबह। मोतिहारी जिले के केसरिया प्रखंड क्षेत्र में आयोजित कर्पूरी चर्चा के दौरान सभा को सम्बोधित करते हुए पूर्व मंत्री मगनी लाल मंडल स्थानीय सम्राट अशोक भवन में कहा कि दिन रात राजनीति में गरीब गुरबों की आवाज को बुलंद रखने की कोशिश में जुटे कर्पूरी की साहित्य, कला एवं संस्कृति में काफी दिलचस्पी थी। वहीं उन्होंने कहा कि जिस तरह जननायक कर्पूरी ठाकुर राजनीति में परिवारवाद नहीं किये, ठीक उसी तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी परिवारवाद नहीं करते हैं। वही उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर दूरदर्शी होने के साथ- साथ एक ओजस्वी वक्ता भी थे। वह देशवासियों को सदैव अपने अधिकारों को जानने के लिए जगाते रहे। कर्पूरी ठाकुर का चिर परिचित नारा था.. “अधिकार चाहो तो लड़ना सीखो, पग पग पर अड़ना सीखो, जीना है तो मरना सीखो” का नारा दिया था। वहीं इस सभा की अध्यक्षता करते हुए स्थानीय विधायक शालिनी मिश्रा ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि 1970 में 163 दिनों के कार्यकाल वाली कर्पूरी ठाकुर की पहली सरकार ने कई ऐतिहासिक फ़ैसले लिए। आठवीं तक की शिक्षा मुफ़्त कर दी गई। उर्दू को दूसरी राजकीय भाषा का दर्ज़ा दिया गया। सरकार ने पांच एकड़ तक की ज़मीन पर मालगुज़ारी खत्म कर दी। जब 1977 में वे दोबारा मुख्यमंत्री बने तो एस-एसटी के अलावा ओबीसी के लिए आरक्षण लागू करने वाला बिहार देश का पहला सूबा बना। इस अवसर पर आगंतुक अतिथियों को फूलमाला व शॉल देकर विधायक ने सम्मानित किया। इस मौके पर पूर्व विधायक सतीश प्रसाद साह प्रदेश प्रवक्ता डॉ0 भारती मेहता सहित हजारों की संख्या में जनसमूह उपस्थित थी। कार्यक्रम का संचालन प्रखंड अध्यक्ष मो0 ईशाक आजाद ने किया।