मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

“प्राचीन भारतीय राजनय एवं वृहतर भारत की गौरव गाथा” (भाग-3)

सम्पादकीय

“प्राचीन भारतीय राजनय एवं वृहतर भारत की गौरव गाथा” (भाग-4)

डॉ.नीता चौबीसा  बांसवाड़ा राजस्थान भारत में राजनय सिद्धान्त और वैदेशिक सम्बन्धो का प्रयोग अति प्राचीन काल से ही होता आ रहा है। महाकाव्य तथा पौराणिक गाथाओं में राजनयिक गतिविधियों, राज्यो के पारस्परिक सम्बन्धों के अनेकों द्रष्टान्त मिलते हैं। ऋग्वेद तथा…