मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

बिहार

“दिव्यज्योति गुरुकुल में चल रही 21दिन की शिवशक्ति तत्व साधना।

पटना डेस्क:-कोविड उन्नीस की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए दिव्यज्योति गुरुकुल के सभी साधक वर्चुअल माध्यम सेऑनलाइन शिविर में सावन माह की दूसरी सोमवारी से स्प्रिचुअल गाइड डॉ विमलकुमार जी के सानिध्य में शिव साधना में पूर्ण समर्पण भाव से पूरे विश्व के कल्याण के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। रात्रि साढ़े नौ बजे से साढ़े बारह बजे तक वर्चुअल माध्यम से चल रही शिव साधना में आध्यात्मिक गुरु के सानिध्य में सभी साधकों का विश्वास है कि जब हम पूर्ण समर्पण के साथ ईश्वर का ध्यान करते हैं तो निश्चित ही सकारात्मक ऊर्जा की तरंगें हमारे सहस्रार चक्र से होती हुई आज्ञा चक्र में प्रवेश करती हैं ततपश्चात विशुद्धि चक्र से होती हुई अनाहत चक्र ,मणिपुर चक्र ,स्वाधिष्ठान चक्र , मूलाधार चक्र से होती हुई हमारे हाथों और पैरों की उंगलियों से होती हुई चारों ओर प्रसारित होने लगती है।अपने आसपास से होती हुई पूरे घर -मुहल्ले से होती पूरे शहर में प्रसारित होनी शुरू हो जाती हैं, फिर पूरे देश में और ततपश्चात पूरे विश्व में सकारात्मक ऊर्जा की तरंगें फैल जाती हैं।
यह क्रिया पूर्णरूपेण विज्ञान आधारित है, यदि इन तरंगों का विश्लेषण किया जाए तो निश्चित तौर पर ये तरंगें स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती नज़र आएंगी। इस संकट की घड़ी में जब कोरोना महामारी की तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है, सभी साधक गुरु के सानिध्य में ऊर्जा के माध्यम से विपरीत परिस्थितियों से सम्पूर्ण विश्व बचाए रखने के लिए प्रयास रत हैं। ऐसी विपत्ति की घड़ी में दिव्यशक्ति की ये अद्भुत तरंगें इंसान की हिम्मत और हौसले को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
स्प्रिचुअल गाइड डॉ विमलकुमार जी कोई सन्यासी नहीं बल्कि एक ऐसे गृहस्थ हैं जो स्वयं सफ़दरजंग हवाई अड्डा नई दिल्ली में डायरेक्टर के पद पर आसीन हैं।गृहस्थ आश्रम की सभी जिम्मेदारियों को निभाते हुए निस्वार्थ भाव से समाजकल्याण में निरन्तर संलग्न हैं। सच है ,आध्यात्म से जुड़ने के लिए और समाजसेवा करने के लिए सन्यासी होना जरूरी नहीं, यह सिद्धांत गुरु विमलजी के निःस्वार्थ सेवाभाव से प्रेरित हो सभी साधकों को निरन्तर सेवामार्ग पर चलने के लिए अपना गहरा प्रभाव छोड़ रहा है।
दिव्यज्योति गुरुकुल, गुरुकृपा और गुरु माँ के सानिध्य में गुसाईं टोला पटना में बच्चों को अपनी संस्कृति से जोड़ते हुए निरन्तर शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ा रहा है। आदरणीय पुष्कर जी, राजेश जी, साधिका मंजू जी, पूर्व प्रधानाचार्या स्मृति वैद्यजी, साधिका वीणा जोशी जी ,साधक अनिल राज, साधिका रंजीता, साधिका कामिनी, साधक पृथ्वी आदि साधकों की निरन्तर सेवा से गुरुकुल का निर्माणाधीन मंदिर भी शीघ्र ही लोगों के दर्शन के लिए तैयार होने जा रहा है।
माधुरी भट्ट

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