मालंच नई सुबह

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सीमांचल

नौ दिवसीय श्रीराम कथा का षष्ठम दिवस

नौ दिवसीय श्रीराम कथा का षष्ठम दिवस

सुपौल प्रतिनिधि मालंच नई सुबह,नौ दिवसीय श्रीराम कथा के षष्ठम दिवस अंचल समिति सदस्य उमाशंकर चौधरी एवं उनकी धर्मपत्नी द्वारा व्यास पीठ का पूजन एवं आरती कर शुभारंभ किया गया। इस दौरान श्री सीता राम विवाह उत्सव के अवसर पर मनमोहक झांकी भी प्रस्तुत किया गया।

षष्ठम दिवस पर श्री सीता राम विवाह उत्सव प्रसंग पर बोलते हुए व्यास साध्वी सुकृति ने कहा जिस प्रकार सीता राम जी का विवाह वैदिक रीति के अनुसार दिन में हुआ हमारी प्रथा भी यही है कि हम अपने पुत्र-पुत्री की विवाह दिन में ही करें। पूर्व में हिन्दू समाज अपने वैवाहिक कार्यक्रम रात्रि में ही छिप कर ही करते थे इसलिए कि मुगल आक्रांताओं द्वारा हमारी बेटियों के जेवर,धन लूटते एवं अत्याचार किया करते थे। इसीलिए डर कर लोग रात में विवाह करने लगे वही प्रचलन प्रारंभ हो गया।
अब हमारा भारत आजाद है इसीलिए हमें अब दिन में विवाह करना चाहिए जैसे कि सीता राम जी का विवाह हुआ था। वेद भी सूर्यास्त के बाद नहीं पढ़ा जाता है।
व्यास जी ने कहा हम और आप अर्थ प्रधान युग में जी रहे हैं, बिना अर्थ हम  व्यवहार नहीं कर सकते हैं तो इस बात को ध्यान में रखते हुए धर्म कमाने पर भी चर्चा की।
अंचल समिति सदस्य उमेश ठाकुर,रामकुमार चौधरी,मनीष कुमार सिंह,नलिन जायसवाल,बद्री अग्रवाल,राजेश मोहनका,मोहन चौधरी
सहित सैकड़ों महिला व पुरुष श्रद्धालु भक्त-जन उपस्थित हुए।

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