मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

पटना /आस-पास

पोस्टर निर्माण से लेकर समूह चर्चा तक छात्रों ने दिखाया बहु-अनुशासनात्मक कौशल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) प्रकोष्ठ ने कराया प्रतियोगिता का आयोजन

 

पटना मालंच नई सुबह प्रतिनिधि, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के सभी स्नातकोत्तर एवं स्ववित्तपोषित विभागों के शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) प्रकोष्ठ एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के संयुक्त तत्वावधान में पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता एवं समूह चर्चा का सफल आयोजन किया गया।
पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता का विषय “राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के किसी भी सिद्धांत/पहल/सुझाव की प्रासंगिकता” रखा गया था, जिसका आयोजन इंस्टिट्यूट ऑफ़ लाइब्रेरी साइंस के सभागार में किया गया। प्रतियोगिता में जज के रूप में भौतिक विज्ञान विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर तथा विभागाध्यक्ष डॉ विजय कुमार वर्मा एवं दर्शनशास्त्र विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष जावेद अंजुम उपस्थित थे ।प्रतियोगिता में समाजशास्त्र विभाग की छात्रा सुरभि कुमारी ने प्रथम स्थान, शिक्षा विभाग का छात्र साहिल राज द्वितीय एवं भूगोल विभाग की छात्रा अनुपमा कुमारी को तृतीय स्थान दिया गया । इसके साथ ही साथ शिवानी कुमारी, अलका कुमारी, काजल कुमारी, प्रेम प्रकाश एवं सुरुचि को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
इसके उपरांत, “शिक्षा का डिजिटलीकरण: संभावनाएं एवं चुनौतियाँ” विषय पर समूह चर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें जज के रूप में राजनीति विज्ञान विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर तथा पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. मो एहतेशाम खान एवं अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ नीरज कुमार उपस्थित थे।
समूह चर्चा में विपक्ष के प्रतिभागी शिक्षा विभाग के कुंदन को प्रथम पुरस्कार दिया गया। दोनों पक्षों से संयुक्त रूप से शिवराज चिंतक एवं प्रकाश रंजन को द्वितीय एवं अंकुश राज और अभिषेक कुमार को तृतीय पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर NEP समन्वयक डॉ प्रियंका, सारथी समन्वयक डॉ एकता वर्मा तथा IQAC समन्वयक डॉ मुकेश कुमार तथा समूह चर्चा की कार्यक्रम समन्वयक डॉ पूनम सिंह, पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता के कार्यक्रम समन्वयक डॉ कविता कुमारी के अतिरिक्त NEP मेंटर डॉ ममता एवं अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।
इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के विभिन्न सिद्धांतों, पहल एवं सुझावों के प्रति जागरूकता और रचनात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देना रहा।

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