पटना/प्रतिनिधि( मालंच नई सुबह) पटना I पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. रास बिहार प्रसाद सिंह ने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व होगा तभी क्षेत्रीय भाषा समृद्ध एवं विकसित होगी। क्षेत्रीय भाषा में अपना और क्षेत्र का विकास निहित है। यही कारण है कि नयी शिक्षा नीति में मातृत्व, मातृभूमि और मातृभाषा पर जोर दिया गया है।
वे रविवार को सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक संस्था स्वरांजलि के तत्वावधान में मंगल तालाब परिसर स्थित बिहार हितैषी पुस्तकालय में आयोजित शिक्षक पर्व समारोह को संबोधित कर रहे थे।
डा. ध्रुव कुमार ने कहा कि अपने पेशे से जुड़ कर सभी अपनी जवाबदेही निभाते हैं लेकिन कुछ अलग सोचने, कर गुजरने और प्रेरित करने वाले ही अलग पहचान बना पाते हैं।
इससे पूर्व शिक्षक पर्व समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर डा. रास बिहारी सिंह, वाणिज्य महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डा. ब्रह्मानंद पांडे, शिक्षाविद डा. ध्रुव कुमार एवं मारवाड़ी उच्च विद्यालय के पूर्व प्राचार्य अनिल रश्मि ने सामूहिक रूप से किया।
इस मौके पर शिक्षा, कला एवं संस्कृति के विस्तार व विकास के लिए काम करने वाले जितेंद्र मोहन, आभा रानी, नेक आलम, ओंकार आनंद को शिक्षा रत्न, कला रत्न और नाट्य रत्न से सम्मानित किया गया।
अध्यक्षता करते हुए डॉ बी एन पांडेय ने कहा कि लक्ष्य से बड़ा उद्देश्य होता है। लक्ष्य की पूर्ति से सफलता मिलती है लेकिन उद्देश्य की पूर्ति से देश, समाज व परिवार का सर्वांगीण विकास होता है।
अनिल रश्मि ने मां-पिता, गुरु और बुजुर्ग का सम्मान करने का आह्वान नयी पीढ़ी से किया।
कार्यक्रम में हितैषी पुस्तकालय के महासचिव महेंद्र अरोड़ा, प्रभात धवन, आलोक चोपड़ा, दिलीप कुमार, राजा पुट्टू, भोला पासवान, नसीम अख्तर भी उपस्थित थे।