सामाजिक न्याय दिवस अवसर पर आयोजित की गयी विचार गोष्ठी
दरभंगा प्रतिनिधि मालंच नई सुबह,
मंडल कमीशन रिपोर्ट लागू करने के अवसर पर हर वर्ष की भांति इस बार भी भारतीय पिछड़ा शोषित संगठन के तत्वावधान में समाजिक न्याय दिवस मनाया गया। इस गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए भारतीय पिछड़ा शोषित संगठन के प्रदेश अध्यक्ष उमेश राय ने कहा कि आजाद भारत की दो बड़ी उपलब्धियां हैं– पहला संविधान और दूसरा मंडल कमीशन की रिपोर्ट। पिछड़े–अतिपिछड़े वर्ग के लोगों के सामाजिक–आर्थिक विकास के अवरोधक तत्वों से लड़ने के लिए मंडल आयोग की रिपोर्ट मुक्ति का महाख्यान प्रस्तुत करती है। आज जाति जनगणना, आबादी के अनुपात में आरक्षण, समान शिक्षा प्रणाली, हाशिए के वर्ग को मद्देनजर रखते हुए बजट निर्माण, स्वास्थ्य अधिकार आदि को लेकर जारी जन संघर्ष मंडल आंदोलन के दूसरे चरण रूप में हमारे सामने है। इस संघर्ष को बुलंद करके ही मंडल मिशन को साकार किया जा सकता है।
वहीं, जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रो. सुरेंद्र सुमन ने कहा कि आज सामाजिक अन्याय परकाष्ठा पर है। जिस सामंतवाद, ब्राह्मणवाद से लड़कर हम यहां तक आएं हैं, उनके पुनरूत्थान का दौर है।
इस दौरान
प्रो. दयानाथ ने लोकतांत्रिक आचरण को आत्मसात करने को सामाजिक न्याय की अनिवार्य शर्त बताया। विचार गोष्ठी में डॉ. सूरज, पारसनाथ यादव, रवींद्र कुमार, फूलो यादव आदि ने भी अपने विचार रखा।