मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

साहित्य

आदिशक्ति प्रेमनाथ खन्ना नाट्योसव में आज पहला दिन हुआ कवि सम्मेलन

 

आदिशक्ति प्रेमनाथ खन्ना नाट्योसव में आज पहला दिन हुआ कवि सम्मेलन

 

पटना/प्रतिनिधि(मालंच नई सुबह)आदिशक्ति प्रेमनाथ खन्ना नाट्योसव में आज पहला दिन हुआ कवि सम्मेलन।कवि सम्मेलन  के उद्घाटन सुप्रसिद्ध गीतकार विजय गुंजन ने किया ।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध कवि सिधेश्वर ने की |मंच संचालन मीना कुमारी परिहार ने कियकविता पाठ में रचना प्रिया -हे सावन के महीना…प्रतिभा रानी,स्वागत गान;पूनम सिन्हा श्रेयसी एक दीपक तेरी यादों का जलाना चाहती हूँ….’;डॉक्टर अलका वर्मान जाने कब कहा होती है माँ:नजनाने कब कहां सोती हैं माँ….,रूबी भूषण[आज फिर उनकी हृदय में….दूर देखो आशमा झुक कर धरा को चूमता है,नूतन सिन्हामन की चंचलता…सुधा पांडेवतन के लिए  केलिए जीना मरना है वतन…. पर,मुकुल कुमारतकदीर का रोना क्या जब हौसला बुलंद हो….,सुमन चतुर्वेदीमेघनी पर बढ़ रही तपन है….,डॉक्टर प्रतिभा रानीआज मैं खुद से इश्क किए जाती हूँ…,राजकांता राजहे वीर शहीद नमन भारत के लाल….मीणा कुमारी  परिहारआज सावन में प्यार करूंगी जी भरकर दीदार करुँगी …,श्वेता मिनी हर कदम पर नई रौशनी सी लगे ऐ वतन तू मेरी जिन्दगी  सी लगे….,अभिलाषा सिंह,छोड़ गए हो जब से साजन सता रहा यह निष्ठुर सावन…

नीरव समदर्शी जनता हु मै जो झुकता नही है टूट जाता है मगर क्या करूँ मैं लोहे से भी सख्त अपने इस रीड़ की हड्डी का ….,रेखा भारती  दिलके कोने में रखा गुजरा जमाना,…पंकज प्रियमरिमझिम रिमझिम बरसे सावन आग लगाए मन के आंगन,…प्रियंका वर्मा बदलो की सलवटों से,…विजय गुंजन पास रहकर भी दूर रहती हो….कविता पथ किय

उद्घाटन भाषण गीतकार विजय गुंजन नेगीत क्या है गीत कैसे लिखे विस्तार से बताया।साहित्यकार पत्रकार नीरव समदर्शी ने कहा कि काली दास रंगालय कलाकारों की संजीवनी है ।इस संस्था के द्वारा कलाकारों को मिलने वाला सहयोग प्रशंसनीय और वंदनीय है|

कवि सिधेश्वर ने अध्यक्षीय  भाषण में कहा की बड़े बड़े कवियों की कविता में छंद की कमी होती जबकि आज ऐसा नही दिखा |

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