मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

सम्पादकीय

हरतालिका तीज आया

प्रियंका त्रिबेदी ( बक्सर)

हरतालिका तीज आय

हस्त नक्षत्र की तिथि तृतीया।।

माँ गौरा ने किया व्रत तुम्हारा।

उनकी चिंता को तूने हर डाला।।

बन दुल्हा तू दक्ष के द्वार आया।

गौरा के संग तब ब्याह रचाया।।

खुद पिए शिव,विष का प्याला।

तू सबके कष्टों को हरने वाला।।

प्रभु अर्जी मेरी स्वीकार करना।

निरोग स्वस्थ मेरा परिवार रखना।।

मृत्यु तक रहे मेरे संग सुहाग प्यारा।

जुग जुग जिएं प्रभु मेरा घरवाला।।

हे अनन्त,ॐकार के अधारा।

कण-कण में है वास तुम्हारा ।।

मैं हूं प्रभु पापी मूर्ख दुरात्मा।

तू है पतित पावन परमात्मा।।

धन-धान्य से पूर्ण रहे अंगना।

प्रभु कृपा मुझपे बनाए रखना।।

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