प्रथम चरण के चुनाव के बाद पुराने मुद्दों की ओर मुड़ रही है भाजपा
—-नीरव समदर्शी
लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण की समाप्ति के बादअमित शाह कटिहार किशनगंज के चुनावी रैलियों में 2014 के मोदी सरकार की प्रारंभिक दौर के मुद्दा उठने लगे हैं ।अमित शाह अपने चुनावी भाषणों में मोदी सरकार द्वारा पाकिस्तान के विरुद्ध सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा उठा रहे हैं। साथ ही अमित शाह बैकवर्ड कम्युनिटी का समर्थन प्राप्त करने के लिए नरेंद्र मोदी को पिछडो का प्रतिनिधि बताने के क्रम में मंडल कमीशन के लागू होने के बहाने कांग्रेस को आरोपित करने से नहीं चुके हैं ।अमित शाह ने अपने भाषण में कहा है कि कांग्रेस काका कालेकर रिपोर्ट पर सोई रही और जब मंडल कमीशन भारत से लागू हो गई तो उसने इसका विरोध किया। मोदी के कार्यकाल में ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी न सिर्फ पहले ओबीसी प्रधानमंत्री हैं बल्कि वह एक ऐसे मंत्रिमंडल का नेतृत्व करते हैं जिसमें 35% मंत्री पिछड़े वर्गों से आते हैं।
लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण के बाद के चुनावी रैलियां में अमित शाह के द्वारा 2014 के वक्त मुद्दों और पुराने पड़ चुके मंडल कमिश्नर की बात आज करना इस बात की और इशारा करता है कि भारतीय जनता पार्टी के पास अपने 10 वर्ष के कार्यकाल में की गई ऐसी कोई ख़ास का मुद्दा नही है ।जिसके सहारे वह 2024 का चुनाव आसानी से फतह कर सके। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के मजबूत साथी राजद के तेजस्वी यादव अपने छोटे से कार्यकाल में दी गई शिक्षकों की नौकरी का जिक्र करते हुए 10 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा बेरोजगारी के विरुद्ध किसी भी सार्थक कदम नहीं उठाए जाने की बात करते हुए वर्तमान मुद्दों की बात कर रहे हैं उधर राहुल गांधी बेरोजगारी के साथ-साथ अमीर और गरीब के बीच बढ चुकी खाई को पाटने की बात कर रहे है।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के इन भाषणों में मुद्दा विहीन होती नजर आ रही है वर्तमान सत्ता।