अब आगे क्या करेंगे उपेंद्र कुशवाहा…
उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल के निर्माण के बाद आज पटना में अपने नई पार्टी का प्रथम प्रेस वार्ता किया है ।उम्मीद के मुताबिक इस वार्ता में उन्होंने कुछ भी नहीं बताया ।उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार भ्रमण का अपना कार्यक्रम पत्रकारों के बीच प्रस्तुत किया ।जिसके अनुसार वह 18 फरवरी से बिहार भ्रमण पर बापू आश्रम चंपारण से प्रारंभ करेंगे और सम्राट अशोक की जयंती के दिन 20 मार्च को पटना में उनका बिहार भ्रमण समाप्त हो जाएगा ।
इतनी सारी बयानबाजी इतना मीडिया बवाल के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने नई पार्टी का गठन बिहार भ्रमण के लिए किया था ?विदित है कि उपेंद्र कुशवाहा मुख्यमंत्री के समाधान यात्रा के कुछ समय पूर्व बिहार भ्रमण पर थे। जनता दल यू में विलय के तुरंत बाद उपेंद्र कुशवाहा बिहार भ्रमण पर निकल गए थे ।क्या उस यात्रा का जनता दल यू को ,बिहार की जनता को, या फिर खुद उपेंद्र कुशवाहा को कुछ फायदा हुआ ?सवाल का जवाब ना में आएगा ।
राज्य और क्षेत्र भ्रमण का यह परंपरा प्रारंभ तो दांडी यात्रा से महात्मा गांधी ने किया था ,किंतु इसे मूर्त रूप बिनोवा भावे ने भू-दान आंदोलन के लिए अपने पद यात्रा से दिया था।
फिर पूर्वप्रधान मंत्री चंद्रशेखर ने भी पूरे देश की पदयात्रा किया था ।भू-दान आंदोलन के बाद से आज तक इस किसी यात्रा का देश या राज्य का कोई फायदा नही हुआ।
ऐसी यात्राएं जनता का ध्यान भटकाने के लिए और मीडिया एट्रेक्शन के लिए होता है आजकल ।मीडिया आकर्षण की जरूरत मुख्यमंत्री और उपेंद्र कुशवाहा को तो नही है ।मुख्यमंत्री की यात्रा तो सम्पूर्ण राजनैतिक उठापटक को केंद्र से परिधि की ओर विस्थापित करने के लिए था।
अब उपेंद्र कुशवाहा की यह यात्रा का क्या अर्थ हो सकता है?
इस सवाल का जवाब एक ही हो सकता है।लोकतंत्र अंकों का खेल है और फिलहाल उपेंद्र कुशवाहा के पास कोई अंक नही है ।ऐसे में अगे की रणनीति तय करने और अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन करने के लिए उनके पसा अधिक अंक प्राप्ति की संभावित पक्की व्यवस्था को प्रदर्शित करना होगा।इसी स्थिति के निर्माण के लिए उपेंद्र कुशवाहा का यह यात्रा प्रतीत होता है।