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वैज्ञानिकों का दावा, सूरज का एक बड़ा हिस्सा टूटकर हुआ अलग
- पटना डेस्क मालंच नई सुबह,
जिस सूर्य के उपस्थित के आभास मात्र से दुनिया में नए दिन की शुरुआत मानी जाती है। जिसे वेदो में आदि देव और अन्य बारह नामो से जाना जाता है। उस सूर्य को लेकर की गयी हाल की दावे को लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिक सहमे हुए हैं। दावा यह किया जा रहा है कि सूरज का एक बड़ा हिस्सा टुकड़ा टूटकर अलग हो गया है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने सूरज के टूटने की यह घटना देखी है। दावा के बाद से अब और वास्तविकता को तलाशने और इसके बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने और एक स्पष्ट तस्वीर पेश करने के लिए इस घटना का विश्लेषण कर रहे हैं।
इसके साथ ही साथ इस घटना से के प्रभावों और दुष्प्रभावों का आकलन करने की कोशिश में लग गए हैं। वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि ऐसा कैसे हुआ। इस दावा को सत्यापित करने के लिए अंतरिक्ष मौसम वैज्ञानिक डॉ. तमिता शोव ने ट्विटर पर इसके फुटेज साझा करते हुए कहा है कि एक हिस्सा प्रमुखता से फिलामेंट से अलग हो गया है। उत्तरी ध्रुव के चारों ओर एक विशाल ध्रुवीय भंवर के रूप में धूम रहा है। उन्होंने कहा, यहां 55 डिग्री से ऊपर सूर्य के वायुमंडलीय गतिकी को समझने की जरूरत है।
हालांकि सूर्य के टुकड़े के टूटने से पृथ्वी पर इसका क्या असर होगा यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। वैज्ञानिक लगातार इस दुर्लभ घटना पर अपनी निगरानी रखकर इसका आकलन करने में लगे हुए हुए हैं। एक स्पेस वेबसाइट के मुताबिक शक्तिशाली सौर फ्लेयर से सात फरवरी को प्रशांत महासागर में एक शॉर्टवेव रेडियो ब्लैकआउट भी हुआ था। बोल्डर, कोलोराडो में नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च के एक उप निदेशक और सौर भौतिक विज्ञानी स्कॉट मैकिन्टोश ने समझाया कि हर सौर चक्र में एक बार सूर्य के 55 डिग्री अक्षांश के साथ कुछ अजीब होना असामान्य नहीं है। लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने इस नए भंवर जैसा कभी नहीं देखा था।