मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

साहित्य

प्रोoकेसरी कुमार और मुरलीधर श्रीवास्तव ‘शेखर’ की जयंती पर नवोदित लेखिका ज्योति झा के कथा संग्रह ‘आनंदी’ का हुआ लोकार्पण, आयोजित हुई लघुकथा-गोष्ठी

पटना,/प्रतिनिधि ( मलांच नई सुबह)पटना  ३१ मार्च। पिछली पीढ़ी के वरेण्य कवि आचार्य मुरलीधर श्रीवास्तव शेखर एक बड़े कवि हीं नहीं, एक बड़े व्याकरण विद और महान भाषा-विज्ञानी थे। वे हिन्दी के देशज रूप को महत्त्वपूर्ण मानते थे। वे यह…

रेणु ही आंचलिकता को आंचलिक नाम दिया

डॉ.अनुज प्रभात आंचलिकता आधारित रचना करने वाले कई कहानीकार हुए.इनमें   हिंदी भाषा के क्षेत्र में प्रथम नाम नागार्जुन  का आता है . उपरांत  यदि किसी ने आंचलिकता को लेकर ठेठ, गवई शब्दों का प्रयोग कर विश्व में किसी को ख्याति…

॥ तुम बिन सूना है जग सारा ॥

————उदय किशोर साह,  बांका तुम बिन सूना सूना जग सारा तुम बिन सूना जीवन  हमारा याद तेरी रात दिन आती है आते जाते तेरी याद सताती है तुम बिन सूना सूना जग सारा नभ का सूरज चाँद व  सितारा कोयलिया…

ग़ज़ल

ग़ज़ल —— आराधना प्रसाद कहकशां, जुगनू,सितारे तो सभी जाएंगे  साथ में तेरे नजारे तो सभी जाएंगे गर बुरे हों तो बुरे और भले हों तो भले  साथ आमाल हमारे तो सभी जाएंगे कोई कितनी भी हिफ़ाज़त करे ख़ुद की लेकिन…

दहेज

ऋचा वर्मा ममता की सलीके से जिंदगी जीने की कला ने प्रभा को बहुत ही प्रभावित कर रखा था और प्रभा हर समय ममता से कुछ न कुछ सीखने का प्रयास करती। लिहाजा जब बेटी पलक ने अपनी शादी अपने…

साहित्य

बालमन की कविताएं

 डॉ० सुजीत वर्मा पटना ‘दो दूनी चार’ बाल कविता संग्रह डॉ० पूनम सिन्हा श्रेयसी की अद्यतन कविता संग्रह,जो शिवना प्रकाशन,म० प्र० से प्रकाशित है।इस संग्रह में कुल पच्चीस कविताएं हैं जो बालमन में जानने एवं सीखने की नैसर्गिक स्वभाव को…

फरवरी और तुम

फरवरी और तुम —–{प्रत्यूष आत्मदर्शी} इस फरवरी भी मेरे ख़्वाबों के पड़ोस में आई हो तुम इस फरवरी भी अपने आंगन के झूले पर बैठी हो तुम इस फरवरी भी गुनगुनी धूप को स्याह जुल्फों से सहलाती हो तुम इस…

वेलेन्टाइन डे

 प्रभात कुमार धवन  पटना सिटी,  फरवरी आते ही शहर के युवा वर्ग ने ‘वेलेंटाइन डे’ की तैयारी शुरू कर दी।वे अपने प्रेम के इजहार हेतु उत्सुक थें,साथ ही गत माह अभिभावक से छुपकर व्याह रचाने वाले शैवाल और प्रतिभा की…

जाकों राखें साईयां……

प्रभात कुमार धवन पटना-  दस वर्ष पहले की बात है, गर्मी का दिन था। मैं पत्नी और इकलौते बेटे के साथ कमरे में सो रहा था। बीच रात में अचानक जोर की आवाज हुई और नींद खुल गयी। देखा पंखा…

जो जस करहि सो तस फल चाखा

 रबीन्द्र कुमार रतन ,स्वतंत्र लेखन एक गावँ में धनवीर नामक ब्यक्ति रहता था । वह अपने व्यवसाय से गावँका सेठ बना हुया था ।व्यवसाय दिन दूना रात  चौगुना बढता रहा । इधर व्यवसाय में विकास हो रहा था और उधर…

कविता को स्वच्छंद शैली में प्रस्तुत करती है डॉ. आरती कुमारी की कृति ” धड़कन का संगीत !”: सिद्धेश्वर

 पटना/डेस्क (मालंच नई सुबह) 31/01/2022! ” समकालीन कवयित्रियों में एक प्रमुख नाम है डॉ आरती कुमारी का,  जो लंबे समय से अपने  गीत गजलों के माध्यम से पाठकों के  हृदय में रची बसी हुई हैं l-“एहसासों से बांध के मुझको…

चने और जूते

ऋचा वर्मा पत्नी ने जब चने का भूंजा और गुड़ दिया तो एक बार फिर सुनील के आगे वही  दृश्य जीवंत होकर उसकी आत्मा को छलनी करने लगा जब बाप दाखिल बड़े भाई ने पांच  किलो चने खातिर बखेड़ा खड़ा…