मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

साहित्य

अत्याधिक आधुनिकता से पनपती बच्चों तथा बुजुर्गों से दूरी

संजीव ठाकुर स्वतंत्र लेखक रायपुर छत्तीसगढ़ भारत मूलतः परंपरावादी वैदिक तथा सनातनी देश है पर आधुनिकता ने देश के संयुक्त परिवारों को खंडित कर दिया है। अधिकांश परिवार अब एकल परिवार में परिवर्तित हो गए हैं ऐसे में बुजुर्ग तथा…

साहित्य

आज संकल्प हम करते हैं

आज संकल्प हम करते हैं ******************* विजय कनौजिया (उत्तर प्रदेश) चलो हमारे प्रेम भवन का शिलान्यास हम करते हैं हो निर्माण शीघ्र ही इसका पहल आज से करते हैं..।। सहभागिता तुम्हारी हो तो प्रेम भवन अपना बन जाए बस जाओ…

योगिनियाँ का सम्बन्ध तंत्र तथा योग विद्या से होती है

योगिनियाँ का सम्बन्ध तंत्र तथा योग विद्या से होती है जितेन्द्र कुमार सिन्हा, चौसठ योगिनियों की चर्चा पुराणों में है। सभी योगिनियों को आदिशक्ति माँ काली का अवतार माना गया है। कहा जाता है कि “घोर” नामक दैत्य के साथ…

नवरात्र

नवरात्र   इन्दु उपाध्याय सब प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगलम   यी, कल्याण करने वाली, सब के मनोरथ को पूरा करने वाली, तुम्हीं शरण ग्रहण करने योग्य हो, तीन नेत्रों वाली यानी भूत भविष्य वर्तमान को प्रत्यक्ष देखने…

माँ चन्द्रघन्टा

माँ चन्द्रघन्टा –डॉ. राजेश कुमार शर्मा”पुरोहित” कवि,साहित्यकार,भवानीमंडी,राजस्थान होकर सिंह पर सवार माँ कष्ट हर लेती है। रक्त वर्ण के पुष्पों से माँ प्रसन्न हो जाती है।। दैत्य दानव राक्षसों का मर्दन करती है। स्वर्ण सी चमकती मां खड्ग अस्त्र शस्त्र…

  रामधारी सिंह दिनकर

  रामधारी सिंह दिनकर                        ——– माधुरी भट्ट भारतभूमि सदा से ही रही भरपूर रत्नों की खान, समय समय पर अवतरित हुए यहाँ व्यक्तित्व महान। दिनतेईस सितम्बर ज़िला बेगूसराय सिमरिया…

देश में छोड़ने की गौरवशाली परंपरा (व्यंग)

देश में छोड़ने की गौरवशाली परंपरा (व्यंग) रेखा शाह बलिया (यूपी)   मध्यप्रदेश के  जंगल में जब जबसे चीते छोड़े गए हैं देश की जनता, सोशल मीडिया अन्य  फलाना- ढिमकाना मीडिया सभी  इन चीतो के पुराण गाये जा रहे  हैं,…

“रामधारी सिंह “दिनकर”की काव्यगत विशेषताएँ”

“रामधारी सिंह “दिनकर”की काव्यगत विशेषताएँ” अर्चना अनुप्रिया  स्वतंत्रता से पहले एक विद्रोही कवि और स्वतंत्रता के उपरांत एक राष्ट्रकवि के रूप में स्थापित माने जाने वाले रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि, लेखक और निबंधकार हैं।जहाँ उनकी कविताएँ…

मजबूर

मजबूर मेरी यादाश्त बहुत कमजोर हो गई है, न जाने क्यों? अपने अतीत से एक पल तक नहीं खोज पा रहा हूँ , मैं जब उसे भूल पाया हूँ। जबकि है मालूम मुझे उसे याद रखना अधिक पीड़ादायक है भूलने…

साहित्य

अब बस हिंदी

अब बस हिंदी      __ सागरिका रॉय हिन्द देश में हिंदी को , उचित मान दिलाने को, आज भी प्रयत्न जारी है, क्या कहें ,कैसे कहें कि, मातृभूमि की अपनी भाषा ही, संस्कृति का सच्चा प्रभारी है। शिशु पोषण हेतु…

हिन्दी

 हिन्दी   माधुरी भट्ट मातृभाषा हिंदी, राजभाषा हिन्दी फिर भी, राष्ट्रभाषा बनने के लिए पलकें बिछाए राह में खड़ी! हाँ !मैं हिन्दी हूँ, सरल,सरस प्रेम से पगी,मधुरस छलकाती, करुणा बरसाती,मन से  मन के तार मिलाती, फिर क्यों हुई विरक्ति मुझसे,…