एक सितंबर से झारखंड में चाइल्ड लाइन बंद हो जायेगी
धनबाद प्रतिनिधि मालंच नई सुबह:* बालश्रम, बाल उत्पीड़न और बच्चों की तस्करी रोकने के काम में जुटी चाइल्ड लाइन एक सितंबर से बंद हो जाएगी। चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 भी डायल 112 में मर्ज हो जाएगा। इससे चाइल्ड लाइन से जुड़े अलग-अलग एनजीओ के 744 कर्मचारी प्रभावित होंगे। ये कर्मचारी एक जुलाई से नोटिस पीरियड पर हैं। चाइल्ड लाइन बंद होने के बाद बाल संरक्षण का काम अब जिला प्रशासन के जिम्मे होगा। जिला बाल संरक्षण इकाई अब चाइल्ड प्रोटेक्शन व वेलफेयर का काम देखेगी। बाल संरक्षण इकाई द्वारा सभी जिलों में 12-12 सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही सभी जिलों में वन स्टेप सेंटर बनेंगे, जो डायल 112 का कंट्रोल रूम होगा। जिला पुलिस, रेल पुलिस और आरपीएफ की मदद से बाल संरक्षण का काम होगा। चाइल्ड लाइन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन गैर सरकारी संगठन चाइल्ड लाइन इंडिया फाउंडेशन द्वारा संचालित की जा रही है। यह हेल्पलाइन सहायता सेवा भी उपलब्ध कराती है। बच्चों के हितों की रक्षा के लिए डायल 1098 सातों दिन 24 घंटे चलने वाली देश की पहली नि:शुल्क दूरभाष सेवा है।
चाइल्ड लाइन देशभर में अलग-अलग एनजीओ को जोड़कर बाल संरक्षण का काम करती है। इसके लिए जिलों में को-ऑर्डिनेटर, काउंसलर, सदस्य और वॉलेंटियर रखे गए हैं। सब सेंटर और चार जिलों को मिलाकर एक नोडल भी बना है। धनबाद में इसके 31 सदस्य हैं। झारखंड में 24 जिलों के अलावा 7 रेलवे स्टेशनों पर भी यह संचालित है। इसका मुख्य काम बालश्रम, उत्पीड़न और तस्करी किए गए बच्चों को रेस्क्यू कर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के सामने पेश करना होता है।