रामपुर मनोरथ गांव में पुल निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
पूर्वी चंपारण प्रतिनिधि मालंच नई सुबह,
पूर्वी चंपारण जिले के पताही प्रखंड स्थित रामपुर मनोरथ गांव में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है बता दें कि गांव से जल निकासी के लिए एक बड़े नाले का निर्माण कई दशक पूर्व कराया गया था जो ओवरफ्लो हो रहा है और उसका पानी पूरे गांव में धीरे-धीरे फैलने लगा है जहां बागमती, लालबकैया, बूढ़ी गंडक, सोन नदी अपने प्रबल प्रवाह से बह रही है जिसके वजह से नदी से सटे कई ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है और खेत पूरी तरह जलमग्न हो चुका है तो वही अब सड़क पर भी 1 से 2 फीट पानी बहने लगा है। रामपुर मनोरथ गांव में लोग दशकों से एक बड़े पुल का निर्माण चाहते हैं मगर आज तक उनकी चाहत सिर्फ चाहत बनकर ही रह गई जिसको लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने अपने विधायक और सांसद के खिलाफ जमकर नारे लगाए हैं। यहां के स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि हमारे गांव में अगर आज यहां पुल बन गया होता तो हर साल मानसून के दौरान आए बाढ़ में हम लोगों को ज्यादा क्षति नहीं होती। पुल के न होने की वजह से बाढ़ का पानी अब हमारे खेतों से होकर गांव के घरों में घुस जा रहा है जहां हमें काफी नुकसान हो रहा है हम लोग कई बार पूल निर्माण के लिए यहां के स्थानीय विधायक और सासंद को भी लिखित शिकायत दी है मगर हमें हर वर्ष सिर्फ आश्वासन दे दिया जाता है कि आप लोगों के पुल का निर्माण के लिए हम विधानसभा में आवाज उठाए है और जल्द ही आप लोगों के गांव में पूल का निर्माण कर दिया जाएगा। मगर हम लोगों को अब समझ नहीं आ रहा कि हमारे विधायक लाल बाबू प्रसाद के द्वारा विधानसभा में उठाए गए पुल निर्माण के लिए आवाज कहां दब जा रहा क्यों हम भोले भाले ग्रामीणों को सिर्फ विधायक और सांसद के द्वारा छला जा रहा है कई बार तो पूल का निर्माण ना होने की वजह से कई लोग दुर्घटना का शिकार होते होते भी बच गए हैं तो कई माल मवेशी बह कर कई अन्य स्थान पहुंच गए हैं। वही जब बाढ़ का पानी अपने उफान पर होता है तो पूल पूरी तरह डूब जाता है और पुल के ऊपर तकरीबन 3 से 4 फीट पानी बहते हुए दिखाई देता है इस दौरान हमारे गांव से होते हुए दूसरे गांव और जिलों की कनेक्टिविटी पूरी तरह टूट जाता है यहां तक की हम अपने फसलों को देखने के लिए भी नहीं पहुंच पाते। अगर हमारे गांव में इस बड़े पुल का निर्माण करा दिया जाता है तो हम ग्रामीणों के लिए बाढ़ से तो बचाव होगा ही साथ ही दूसरे गांव की कनेक्टिविटी और जिलों में जाने के रास्ते पूरी तरह खुल जाएंगे और यह एक ऐसा रास्ता है जिससे हम शिवहर मधुबन मुजफ्फरपुर कम समय में इस रास्ते से तय कर सकते हैं तो वहीं इस रास्ते से कई बड़े वाहनों की भी आवाजाही जब शुरू हो जाएगी तो हमारे गांव में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।