मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

सीमांचल

विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग में गोपाल सिंह नेपाली की जयंती मनाई गयी

विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग में गोपाल सिंह नेपाली की जयंती मनाई गयी

दरभंगा प्रतिनिधि मालंच नई सुबह,

विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग में गोपाल सिंह नेपाली की जयंती, विभागाध्यक्ष प्रो. राजेंद्र साह की अध्यक्षता में मनायी गयी। इस दौरान प्रो. साह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि गोपाल सिंह नेपाली युगधर्म के सशक्त कवि थे। उनकी कविताओं में राष्ट्रीय चेतना की प्रखरता के साथ मानवीय मूल्यों तथा मानवीय संवेदना की चरम अभिव्यक्ति हुई है। नेपाली ने साहित्य और समाज जिया था। नेपाली जी की रचनाओं में सहजता, सहृदयता तथा आत्मीयता का औदात्यपूर्ण स्वरूप परिलक्षित होता है।प्रो० साह ने कहा कि साहित्यिक-न्याय के तहत उनपर पर्याप्त शोधकार्य की जरूरत है।  सहप्राचार्य डॉ. सुरेंद्र प्रसाद सुमन ने कहा कि गोपाल सिंह नेपाली आज के कवि और लेखक से कहीं ज्यादा बेहतर और क्रांतिकारी कवि, साहित्यकार और पत्रकार थे। वे स्वाधीनता आंदोलन के योद्धा थे

डॉप्रीतम कुमार मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि आज नेपाली जी की जयंती के साथ ही खुदीराम बोस का शहादत दिवस भी है। इसलिए आज का दिन बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। इसके साथ ही उन्हाेंने कहा कि वे युगद्रष्टा थे, जो आनेवाली  समस्या को पहले ही भांप लेते थे।

डॉ.गंगेश मिश्र ने कहा कि हमारे लिए सबसे गौरव की बात है कि बिहार में नेपाली जी जैसे साहित्यकार  हुए। उन्होंने कहा कि साहित्यकार द्वारा लिखी गयी रचनाओं का  कुछ- न- कुछ उद्देश्य होता है, जो राष्ट्र और समाज को जोड़ता है।

इस मौके पर कनीय शोधप्रज्ञ सियाराम मुखिया, दुर्गानंद ठाकुर, ज्योति कुमारी, पुष्पा कुमारी और बड़ी संख्या में शोधपाठ्यक्रम तथा पत्रकारिता के छात्र-छात्राऍं उपस्थित थे।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *