मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

तिरहुत

पीपराकोठी के मुर्दाचक कर्बला में करतब दिखाते युवक

पीपराकोठी के मुर्दाचक कर्बला में करतब दिखाते युवक

मोतिहारी प्रतिनिधि मालंच नई सुबह:–पीपराकोठी प्रखंडक्षेत्र में मुहर्रम का पर्व शांति पूर्ण माहौल में संपन्न हो गया। इस दौरान मुश्लिम समुदाय के लोगों ने दो रोजा रखकर हुसैन के सहादत में गम मनाया। वही ताजिया जुलूस ते साथ मुर्दाचक स्थित कर्बला में जाकर आपसी भाईचारे का निर्वहन करते हुए अपने करतब को दिखाया। इस संबंध में मो शम्मी अख्तर ने बताया कि मुहर्रम को इस्लामी साल पहला महीना होता है। इसे हिजरी भी कहा जाता है। हिजरी सन की शुरूआत इसी महीने से होती है। इतना ही नहीं इस्लाम के चार पवित्र महीनों में इस महीने को भी शामिल किया जाता है। इस पर्व के संबंध में कहा कि इराक में यजीद नामक जालिम बादशाह था जो इंसानियत का दुश्मन था। हजरत इमाम हुसैन ने जालिम बादशाह यजीद के विरुद्ध जंग का एलान कर दिया था। मोहम्मद-ए-मस्तफा के नवासे हजरत इमाम हुसैन को कर्बला नामक स्‍थान में परिवार व दोस्तों के साथ शहीद कर दिया गया था। जिस दिन हुसैन को शहीद किया गया वह मुहर्रम के ही महीना था और उस दिन 10 तारीख थी। जिसके बाद इस्‍लाम धर्म के लोगों ने इस्लामी कैलेंडर का नया साल मनाना छोड़ दिया। बाद में मुहर्रम का महीना गम और दुख के महीने में बदल गया। आज के दिन इनकी आत्‍मा की शांति की दुआ की जाती है। उन्होंने कहा कि मुहर्रम को कोई त्‍यौहार नहीं है बल्कि मातम मनाने का दिन है।

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