केंद्रीय विद्यालय मोतिहारी में एक सेमिनार सह पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया गया
मोतिहारी प्रतिनिधि मालंच नई सुबह, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के तीन वर्ष पूरा होने के मौके पर केंद्रीय विद्यालय मोतिहारी में एक सेमिनार सह पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल बी. राम और नवोदय विद्यालय के प्रिंसिपल एस त्यागराजन ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर नई शिक्षा के फायदे के बारे में बताया।साथ हीं नई शिक्षा नीति को लेकर जागरुकता फैलाने की जरुरत बतायी।
सेमिनार में विभिन्न राज्य सरकारों से अपील की गई कि देशहित,छात्र हित और युवाओं के हित के लिए नई शिक्षा नीति को लागू करें।
इस मौके पर नवोदय विद्यालय के प्रिंसिपल एस त्यागराजन ने कहा कि नई शिक्षा नीति प्रत्येक विद्यार्थी को आत्मनिर्भर बनाने और उउनको तेयार करने के लिए ड्राफ्ट किया गया है।उसका तीन साल पूरा हुआ है।इन तीन सालों में केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय और नवोदय विद्यालय में बहुत सारा कार्यक्रम चलाया जा रहा है।नवोदय विद्यालय पिपराकोठी को पीएम श्री और विज्ञान ज्योति कार्यक्रम लागू किया जा रहा है। केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल बी. राम ने कहा कि नई शिक्षा नीति का तीन साल पूरा हुआ है।तीन साल पूरा होने पर केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति के बारे में जन-जन तक जानकारी पहुंचाने का निर्णय लिया है। जिस नीति के बारे में जो लोग नहीं जानती हैं। उनको इस पॉलिसी के बारे में जानकारी हो सके। बिहार में सरकार नई शिक्षा नीति को लेकर विचार कर रही है कि इसे लागू किया जाए या नही
वही अभिभावक रविराज रंजन ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तीन साल पूरा होने के बावजूद प्रचार प्रसार के कमी के कारण इसके बारे में नहीं जान पाए हैं। विरोधी दल वाले इस नीति के विरोध में बोल रहे हैं।तो सत्ता पक्ष वाले इसके पक्ष में बोलते हैं।इसलिए लोगों को नई शिक्षा नीति के बारे जानकारी देने के लिए प्रचार प्रसार की जरुरत है। वहीं केंद्रीय विद्यालय की छात्रा प्रेरणा सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति में केवल ज्ञान हीं नहीं स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जाएगा।इस तरह समझिए कि घर केवल ईंट और सीमेंट ने नहीं बनता है।बल्कि घर बनाने वाले की कितनी मेहनत होती है।इस शिक्षा नीति से छात्र आत्म निर्भर बनेंगे। जबकि केंद्रीय विद्यालय के छात्र प्रियेन कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति में बच्चे रटेंगे,नहीं।समझ-समझ के पढ़ेंगे। पहले किताबों का बोझ बच्चों पर लाद दिया जाता था।लेकिन नई शिक्षा नीति में किताबों का बोझ कम किया गया है।बच्चों को समझाया जा रहा है।उनका स्किल को डेवलप किया जा रहा है। बतादें कि 29 जुलाई 2020 को केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू की दी।केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में नई शिक्षा नीति के अनुसार कार्य शुरु हो गए।लेकिन देश के विभिन्न राज्य सरकारों ने अपने राज्य में नई शिक्षा नीति लागू करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।वहीं आम लोग भी नई शिक्षा नीति से अनभिज्ञ हैं।इसलिए केंद्र सरकार ने आम लोगों को नई शिक्षा नीति के बारें जागरुक करने का प्रयास शुरु किया है।