नाटक से बताया- भगवान बुद्ध के दिए संदेश को अपने जीवन में अपनाएं
पटना/प्रतिनिधि/रणजीत सिंह(मालंच नई सुबह)फुलवारी शरीफ।सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच की ओर से साप्ताहिक रविवारीय नुक्कड़ नाटक की श्रृंखला में महेश चौधरी द्वारा लिखित एवं अमन कुमार द्वारा निर्देशित नुक्कड़ नाटक “अपना दीपक स्वयं बनो” की प्रस्तुति वाल्मी, फुलवारी शरीफ में की गई।
नाटक की शुरुआत सौरभ राज के स्वरबद्ध गीत- कर लो नमन, मन होगा मगन,
बुद्ध की शरण में लगा ले लगन, मन मूरख तू बात ले मानी, निर्मल कर ले अपना मनवा, रे मन रच ले बुद्ध के नमवा… से हुई।
इस नाटक के माध्यम से गौतम बुद्ध के जीवन दर्शन में यह दिखाया गया कि राजा शुद्धोधन के पुत्र सिद्धार्थ पैदा हुए थे। उनके जन्म के 7 दिनों के बाद उनकी मां महामाया का निधन हो गया था तब उनका पालन- पोषण महारानी की छोटी सगी बहन महाप्रजापति ने किया। 16 वर्ष की आयु में सिद्धार्थ का विवाह कर दिया गया। एकमात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और धर्मपत्नी यशोधरा को त्याग कर सांसारिक दुखों से मुक्ति दिलाने कि मार्ग, सत्य एवं दिव्य ज्ञान की खोज में राजपाट का मोह त्याग कर रात्रि में वन की ओर चले गए। वर्षों कठोर साधना के पश्चात बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से भगवान बुद्ध बन गए। इनके व्यक्तित्व से प्रभावित होने के कारण ही अंगुलिमाल डाकू एक अच्छा इंसान बन सका। भगवान बुद्ध के देह छोड़ने के पूर्व उनका अंतिम वचन था- अप्प दिपो भव, सम्मासती- अर्थात अपना प्रकाश स्वयं बनो… स्मरण करो कि तुम भी एक बुद्ध हो। बुद्ध के ध्यान और ज्ञान पर बहुत से मुल्कों में शोध जारी है इसलिए भगवान बुद्ध के अनमोल संदेश को हम सभी को अपने जीवन में अमल करना चाहिए।
नाटक के कलाकार महेश चौधरी, सौरभ राज, अमन, नमन, करण, वीर, शशांक, रंजन, कामेश्वर ने अभिनय किया।