पटना:डेस्क ( पटना 22/08/2021 साहित्यिक संस्था भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वाधान में, फेसबुक के ” अवसर साहित्यधार्मी पत्रिका ” के पेज पर,,” मेरी पसंद :आपके संग ” कार्यक्रम में, साहित्य और संगीत के विविध कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए ! प्रियदर्शनी ने ” सावन के झूले झले, सिद्धेश्वर ने ” फूलों का तारों का सबका कहना है, एक हजारों में मेरी बहना है !”/और मधुरेश नारायण ने ” अकेले हैं, चले आओ, जहां हो ! ” गीत की सशक्त प्रस्तुति दिया !
अपने पसंद की अपनी कविताओं को पढ़ते हुए सिद्धेश्वर ने कहा -” रिश्ता नहीं होना चाहिए बारिश के जैसा !/ जो बरस – बरस कर / खत्म हो जाए./ खामोश तो होना चाहिए / हवा की तरह …; /जिसका एहसास हो/ हमारे आसपास हो !!” उसके बाद अशरफ की कविता वीडियो क्लिप में प्रस्तुत की गई !”-” ” अब के सावन में / शरारत मेरे साथ हुई !/ मेरा घर छोड़ के /कुल शहर बरसात हुई !!”
पुस्तकनामा ” स्तंभ के अंतर्गत, संयोजक सिद्धेश्वर ने – राजगढ़ के वरिष्ठ कवि संतोष मालवीय की नवीन काव्य कृति ” देहरी पर बैठी लड़की ” की समीक्षात्मक टिप्पणी प्रस्तुत करते हुए कहा कि – ” वरिष्ठ कवि संतोष मालवीय के इस काव्य संग्रह में मुक्तछंद कविता के अतिरिक्त, “गरीबों का अब उलहना बन गई है जिंदगी !/गरीबों का देखो सिरहाना बन गई है जिंदगी !!/मुट्ठी में हो बंध जिसके यह संसार सारा !/उसकी जेब का खजाना, बन गई है जिंदगी !! “जैसी ढेरों छंदोबद्ध काव्य पंक्तियां भी है, जो कवि संतोष मालवीय के काव्यात्मक सृजन के प्रति हमें आश्वस्त करती है, और कविता को पाठकों तक पहुंचने का रास्ता प्रशस्त करती है ! इस पुस्तक की साज -सज्जा काफी सुन्दर बन पड़ा है, जो पारस दासोत और सिद्धेश्वर की कलाकृतियों से सुसज्जित है l “
इस कार्यक्रम की खासियत है कि जिस पत्रिका या पुस्तक की समीक्षा प्रस्तुत की जाती है, उसके संपादक अथवा लेखक से, ऑनलाइन संक्षिप्त भेंटवार्ता भी प्रस्तुत की जाती है ! आज के मंच पर,भेंटकर्ता में, सिद्धेश्वर के एक सवाल का जवाब देते हुए, वरिष्ठ कवि संतोष मालवीय ने कहा कि -” युवा प्रतिभाओं को चाहिए कि खूब सोच समझकर सृजन करें, खासकर कविता सृजन के प्रति सजग रहें ! बेहतर सृजन करें इसके लिए जरूरी है कि हम चिंतन मनन के साथ नित कुछ ना कुछ पढ़ने की आदत अवश्य डालें !“
इसके अतिरिक्त दुर्गेश मोहन, सुनील कुमार उपाध्याय, कुमारी मेनका ,अपूर्व कुमार, राज प्रिया रानी, गोरख प्रसाद मस्ताना, राम नारायण यादव, एकलव्य केसरवानी, विमलेश कुमार, अंजू सिन्हा, मंजू कुमारी, घनश्याम प्रेमी आदि की भी भागीदारी रही!