मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

Year: 2022

अनुपम जिसका वेष

अनुपम जिसका वेष ———विजय गुंजन निखिल विश्व में हैं सब कहते इसको भारत देश । जहाँ योग-तप-ध्यान सिद्ध योगी विचरण करते हैं , बाँच जागरण मंत्र , भाव मङ्गल जग में भरते हैं । जहाँ ज्ञान की किरणों का होता…

आत्ममंथन

आत्ममंथन ————— —-विजय गुंजन अन्तस्तल में पल रहे कोमल मनोवृत्तियों का उद्रेक है गीत । मानवीय संवेदनाएँ जब हताहत होती हैं , वेदना जब चीखती है , सपने जब टूटते और बनते हैं तो जन्म लेता है गीत ! प्रकृति…

दर्द एक एहसास

 —राज प्रिया रानी बूंद बूंद पिघलती यादें बीती, ढहती गई मुठ्ठी भर रेत सी किसी आवारा इक बातास , रौंद गया री पतझर पात सी सींचना चाहा लम्हे को, मन   उजडे तरकश सा था पल कहीं तो होगी साख दबी…

पता ही नहीं चला

—-डॉ शेफालिका वर्मा मंगलवार, 17 मई 2022 मालंच नई सुबह fff कभीमार्किट नजदीक देखती  दौड़ कर चली जाती बच्चों के लिये कुछ खरीद लाती  आज अपने लिये कुछ खरीदने का मन हुआ पैसे पर्स में भरे है घर के सामने…

पथिक

प्रॉफेसर शिवाकांत मिश्र (पूर्व विभागाध्यक्ष ए0एन0कॉलेज हिंदी विभाग) ————————- वन-प्रांतर में बढ़ता  जाता एक पथिक बेचारा। मेघ गरजते काले काले रहे दहाड़ शेर मतवाले। लपक-लपक चल रहे व्याल से छपक-छपक करते नद- नाले। फैली विभीषिकाएं पथ के कदम -कदम पर…

प्रीति स्पर्श

 —–डॉ. रमेश नारायण पूर्व विभागाध्यक्ष ए0एन0कॉलेज हिंदी विभाग   एक नन्हीं सी छुवन की नाव खेकर मैं समुंदर पार जाना चाहता हूं| आंख देखी दूरियों का भूलना, पास की परछाइयों पर झूलना| सांस की भटकन सिहर कर थामना, आंख आंखों…

आज के दौर में साहित्य के नाम पर दुकान चल रही है कीमत अदा कर रचनाएं छपवाई जा रही है

 राज प्रिया रानी आज साहित्य जगत का एक बेहद शर्मनाक पहलू उभर कर सामने आ रहा है जो स्वयं प्रकाशक, जिसके हांथ में साहित्यिक अस्मिता की रक्षा की डोर है, ही स्वार्थ के लालच में निकृष्टता धारण करते नजर आ…

वार्ड नंबर 11 में मोहम्मद तनवीर आलम द्वारा उज्जवल योजना के तहत गरीबों के बीच बांटे गए गैस सिलेंडर

नालंदा प्रतिनिधि मालंच नई सुबह,नालंदा जिले के नगर निगम क्षेत्र में पार्षद पद के लिए भावी प्रत्याशी मैदान में खड़े होने के लिए गरीबों के बीच दिन-रात बेहतर कार्य में लगे दिख रहे हैं,आपको बताते चलें वार्ड नंबर 11 इमादपुर…

ओम

 सरोज गिरि ओम ही सार है, ओम ही संसार है I ओम ही ज्ञान है, ओम ही विज्ञान है I    ओम ही दर्शन हैं, ओम ही सर्जन है I ओम ही शान्ति है ओम ही विश्रांति है I  ओम…

जीवन के प्रति सात्विक राग के कवि थे महाकवि कृष्ण मोहन प्यारे, जयंती पर साहित्य सम्मेलन ने दी काव्यांजलि,

पटना/ प्रतिनिधि (मालंच नई सुबह) पटना, १५ मई। जीवन के प्रति सात्विक राग और वितराग के अमर गायक थे महाकवि कृष्ण मोहन प्यारे। किंतु उनकी काव्य-सधना और अवदान को भी वह मूल्य नहीं मिला, जिससे बिहार के अनेक साहित्यकार वंचित…

प्रलेक के प्रताप का जखीरा और कीड़ों की तरह रेंगते रीढ़हीन लेखकों का कोर्निश बजाना

दयानंद पांडेय प्रलेक प्रकाशन की यह पुस्तक सूची देखिए। इस के मालिक जितेंद्र पात्रो से पूछिए कि इतनी सारी किताबों को रखने के लिए दुनिया में उन के पास कहीं कोई गोदाम भी है क्या ? अगर नहीं है तो…