मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

Month: June 2022

भरगामा: कच्ची सड़क पर कीचड़ से मुक्ति के हर प्रयास विफल,गांववासी हो रहे परेशान

अररिया प्रतिनिधि मालंच नई सुबह)अररिया.बारिश में आना जाना भारी दूभरः ग्रामीण कुंदन यादव,सच्चिदानंद यादव,अमित यादव,मुकेश यादव,कारी यादव ने बताया बारिश में सड़क की हालत इतनी खराब हो जाती है कि लोग अपना जरूरी काम करने के लिए भी गांव से…

सीमांचल

भरगामा: प्रशासन पर भारी अतिक्रमणकारी

अररिया प्रतिनिधि मालंच नई सुबहअररिया जिला के भरगामा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत शंकरपुर में कमलेश्वरी सिंह के घर से लछहा नदी तक जाने वाली कच्ची सड़क पर प्रशासन पर अतिक्रमणकारी भारी पड़ रहे हैं। एक तरफ प्रशासन अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाती…

प्रकृति और मानव

    राज प्रिया रानी बेमौसम बरस रही घटा घोर बरसात उकेर रही हजारों अनसुलझे सवाल मानवता का क्षरण कस रहा है जाल भौगौलिक संरक्षण में बुन गया जंजाल बेकाबू में धरती का प्रदूषण नियंत्रण क्षरण हरण हुआ धरा का…

मुझे टूटना ही होगा…

—–नीरव समदर्शी जानता हूँ मैं कि जो झुकता नहीं है वह टूट जाता है| जानता हूँ मैं जो जितना झुकता है उतना ही उठता है मगर क्या करूं मैं अपनी इस रीढ़ की हड्डी का, जो लोहे सा सख्त है|…

आत्मकथा- – कोरोना वायरस की

@निक्की शर्मा र’श्मि‘  मुम्बई आत्मकथा- – कोरोना वायरस की मैं कोरोनावायरस हूँ। मुझे कोई हल्के में ना लें। मैं महामारी के रूप में इस बार आया हूँ।सर्दी, जुकाम, खांसी जैसी तकलीफों का तो मानो पर कोई असर ही नहीं हो…

कहानी गङ्गा मैया की

माधुरी भट्ट गङ्गा दशहरा पर पतित पावनी माँ गङ्गा को नमन। मातः शैलसुता सपत्नि वसुधा शृंगारहारावलि। स्वर्गारोहिण वैजयन्ति भवतीं भागीरथीप्रार्थये।। त्वत्तीरे वसतस्त्वदम्बू पिवत स्त्वदिचिशु प्रेखत:। स्त्वन्नाम स्मरत स्त्वदर्पित दृशस्यानमे  शरीरव्यय:। वैसे तो गङ्गा मैया का उद्गम स्थल गोमुख माना जाता…

ओ मुसाफिर !

विजय गुंजन आज यह पल दिवस का अन्तिम पहर है । ओ मुसाफिर रुक जरा आराम कर ले , पाँव को कुछ बल मिले थोड़ा ठहर ले । दूर जाना है , अभी लम्बा सफर है । आज यह पल…

समर्पण

राज प्रिया रानी आरंभ पुरुष का हर कदम स्त्री थी उषा से निशा तक स्त्री ही करम थी पुरुष की दुनिया भी प्रभा से थी जागती निशा की नींद भी उसकी सपना निहारती शांति की अभिलाषा पुरुष को तलाश थी…

अफ़सोस कि यह लोग नरेंद्र मोदी की कूटनीति को अभी तक नहीं समझ पाए

दयानंद पांडेय होता है कई बार कि शेर से लड़ जाने वाले लोग चूहे-बिल्ली से भी डर जाते हैं। कुत्तों से भी। मैं भी डरता हूं चूहे , बिल्ली और कुत्तों से। बहुत डरता हूं। मक्खी और मच्छर से भी।…