मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

Month: May 2022

प्रलेक के प्रताप का जखीरा और कीड़ों की तरह रेंगते रीढ़हीन लेखकों का कोर्निश बजाना

दयानंद पांडेय प्रलेक प्रकाशन की यह पुस्तक सूची देखिए। इस के मालिक जितेंद्र पात्रो से पूछिए कि इतनी सारी किताबों को रखने के लिए दुनिया में उन के पास कहीं कोई गोदाम भी है क्या ? अगर नहीं है तो…

बिहार टेक इंडस्ट्री के प्रमोशन के लिए कर्नाटक जैसे राज्यों से करें पार्टनरशिप:-सुमंत परिमल

नईदिल्ली/प्रतिनिधि(मालंच नई सुबह) दिनांक बिहार के ग्लोबल टेक थॉट लीडर और एंटरप्रेन्योर सुमन परिमल ‘जो कि  पिछले साल फोर्ब्स मैगजीन के ए0आई0 यानी आर्टिकल इंटेलिजेंस पैनल में पूरे विश्व में प्रथम स्थान प्राप्त किए थे’; ने कल  बिहार इन्वेस्टर मीट…

’राम मन्दिर’’

—सरोज गिरि राम को काल्पनिक कहने वालों राम का अस्तित्व क्या तुम्हें याद नहीं…. भूल गये जलन में तुम तो ज्वाला को क्या दशरथ का पुत्रेष्ठी यज्ञ तुम्हें याद नहीं …. .ये राम जन्म भूमि है अति पावन कल कल…

योग की सार्वभौमिक आवश्यकता

योग का पहला सुव्यवस्थित व प्रामाणिक ग्रंथ ‘योगसूत्र’ 200 ई.पू. में लिखा गया। योग का प्रारम्भ भगवान शंकर के बाद वैदिक ऋषि-मुनियों से ही माना जाता है। बाद में कृष्ण, महावीर और बुद्ध ने इसे अपनी तरह से विस्तार दिया।…

गुणवत्तापूर्ण मौलिक शोध कोर्सवर्क विश्वविद्यालय के अकादमिक स्तर की पहचान : डॉ झा

पटना/प्रतिनिधि (मालंच नई सुबह) पटना। शुक्रवार को इतिहास विभाग पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना द्वारा शोध छात्रों के कोर्स वर्क के अंतर्गत गुणवत्ता युक्त मौलिक एवं अद्यतन प्रासंगिक विषय के चयन एवं वैज्ञानिक प्रमाणिक कार्य हेतु छः माह के कार्य का आज…

दाम्पत्य जीवन और कामकाजी महिलाएं

प्रेमलता सिंह, पटना, आज के दौर में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कदम- से -कदम मिलाकर चलने के लिए तत्पर रहती है। बदलते वक़्त में महिलाएं आर्थिक, शैक्षिक और समाजिक रूप से सशक्त है। आज भी कुछ महिलाओं के…

विश्वेश्वरैया भवन की तीसरी मंजिल पर लगी भीषण आग

    पटना डेस्क मालंच नई सुबह, पटना के हड़ताली मोड़ के पास स्थित विश्वेश्वरैया भवन की तीसरी मंजिल पर में भीषण आग लग गयी। इस आग का इसका असर विश्वेश्वरैया भवन की तीसरी से पांचवीं मंजि‍ल तक हुआ है। आग लगने…

चमचम की चकमक चाशनी में भीगी मिठास सा एहसास भाग -1

दयानंद पांडेय मेरा सौभाग्य है कि कुछ दिन मुझे भी ज्ञान बाबू के साथ रहने, घूमने और रिपोर्टिंग करने का सौभाग्य मिला है। तब के दिनों मैं विद्यार्थी भी था और पत्रकारिता का ककहरा भी सीख रहा था। ज्ञान बाबू…

प्रकाशकों द्वारा शोषण के शिकार क्यों हो रहे हैं आज के साहित्यकार

ऋचा वर्मा, पटना बीते दिनों सोशल मीडिया के साथ -साथ  प्रिंट मीडिया पर भी  इस बात की बहुत चर्चा हुई कि आज के दौर में प्रकाशको द्वारा  साहित्यकारों का शोषण एक आम बात हो गई है। मामले की तह तक…