मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

Year: 2021

कायस्थ समाज राजनीतिक अस्पृश्यता का शिकार- राजनीतिक रूप से अल्पसंख्यक की श्रेणी में

कायस्थ समाज राजनीतिक अस्पृश्यता का शिकार- राजनीतिक रूप से अल्पसंख्यक की श्रेणी में ———-राजीव रंजन प्रसाद , जीकेसी सचिव जदयू                     कायस्थ समाज राजनीतिक अस्पृश्यता का शिकार हो गया है और राजनीतिक रूप…

प्रसिद्ध साहित्यकारा डॉ.निक्की शर्मा हुईं सम्मानित

पटना डेस्क (मालंच नई सुबह) नई दिल्ली। 20 अक्टूबर।मानवता ईश्वर के लिए कल्याण संस्था परिषद मुम्बई ने देश के विद्वान,साहित्यकार, समाजसेवी, पत्रकारिता, लेखन आदि कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रतिष्ठित निक्की शर्मा को संम्मानित किया। मीरा भायंदर में आयोजित…

सपनों का कर्ज़दार मुखर्जी नगर

प्रियांशु त्रिपाठी किचन से भी छोटे कमरे में जिस्म तपाते हुए, बिस्तर की सीमा से पैर बाहर किये, एन.सी.आर.टी को तकिये के सिरहाने किटाये हुए कुछ परिंदें बड़ी उड़ान के सपने सजाते है, उस जगह को आम भाषा में मुखर्जी…

संपूर्ण क्रांति के प्रणेता

 देवांशु शेखर मिश्र ‘क्रांतियां क्रांतिकारियों की बिल्कुल मर्जी पर ही नहीं हुआ करती। क्रांति की सफलता के लिए सामाजिक एवं ऐतिहासिक परिस्थितियां परिपक्व होनी चाहिए।’ ये शब्द देश के सर्वाधिक संघर्षशील राजनीतिज्ञ जयप्रकाश नारायण जी का है,जो आज भी प्रासंगिक…

छुट्टियाँ

प्रियांशु त्रिपाठी मेट्रो की रफ़्तार से बड़ी दूर निकल आये है जहाँ से अपना शहर नज़र तो नहीं आता, पर हर रोज़ आँखों में याद सा छलक जाता है वो दूर्गा मंदिर वो शिवगंज का बाज़ार रमना की रामलीला आरण्य…

बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के 103वां स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लेने के उपरांत केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौवे ने पत्रकारों से बातचीत की

पटना/प्रतिनिधि(मालंच नई सूबा)19 अक्टूबर बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के 10३ वां स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लेने के उपरांत केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौवे ने  पत्रकारों से बातचीत में  कश्मीर में घट रहे घटनाओ…

बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के 103 वां स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर पूनम आनंद के पुस्तक का हुआ लोकार्पण,सम्मानित हुए साहित्यकार

पटना/प्रतिनिधि(मालंच नई सूबा)19 अक्टूबर बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन का गौरवशाली 103 वां स्थापना दिवस समारोह सम्मेलन परिसर में आयोजित हुआ। जिसमें मूल्यवान हिंदी सेवा के लिए विदूशियों एवं विद्वानों को साहित्य चूड़ामणि एवं साहित्य मार्तंडेय सम्मान से विभूषित किया गया।…

कोर्ट रूम नं 9

—–प्रियांशु त्रिपाठी हर सुबह एक सी होती है मगर दिन एक जैसा ही नहीं गुज़रता है और आज का दिन कुछ हट कर ही रहा हमारे लिए । मैं, तोशवंत और अरविंद रोज़ाना की तरह द्वारका कोर्ट में अपने काम…

सबका मालिक एक

सबका मालिक एक –ऋचा वर्मा       मैं कभी राम बनता, कभी बनता रहमान, कभी खुदा कह पुकार लो, कभी कृष्ण का दे दो नाम । ऊपर से सब आतें हैं बन के बस मानव, धरती पर अपने कुकर्मों से कहलातें हैं…