मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

Year: 2021

…जिला के पिपरा विधानसभा के थरिया गांव से पश्चिम पुल नहीं होने से लोगों में आक्रोश

सुपौल/प्रतिनिधि (मालंच नई सुबह) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर गांव को पक्की सड़क व पुल पुलिया से जोड़ने का वादा कर संकल्पित कर रहे हैं । वहीं दूसरी तरफ सुपौल जिला के किशनपुर प्रखंड के थरिया गॉव वार्ड नंबर 3में जो…

बरसता इश्क़, भटकते आशिक़ और डूबता शहर

  प्रियांशु त्रिपाठी देर रात जबआप बहुत ठके हुए बिस्तर में हमसफ़र की बाहों की तरह सिमट कर सोते हैं और तभी सुबह अचानक खौफ़नाक मंजर आपके आँखों के सामने हकीकत में घटे तो आपकी प्रकिया क्या होगी?, मुझे लगता…

सम्पादकीय

“प्राचीन भारतीय राजनय एवं वृहतर भारत की गौरव गाथा” (भाग-4)

डॉ.नीता चौबीसा  बांसवाड़ा राजस्थान भारत में राजनय सिद्धान्त और वैदेशिक सम्बन्धो का प्रयोग अति प्राचीन काल से ही होता आ रहा है। महाकाव्य तथा पौराणिक गाथाओं में राजनयिक गतिविधियों, राज्यो के पारस्परिक सम्बन्धों के अनेकों द्रष्टान्त मिलते हैं। ऋग्वेद तथा…

साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पद के लिए डा अनिल सुलभ ने नामांकन किया । ४ सेटों में, ४० निर्वाचक-सदस्य डा सुलभ के प्रस्तावक बने, आज किसी अन्य ने नामांकन नही किया

पटना, /प्रतिनिधि (मालंच नई सुबह) पटना, ७ अगस्त। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पद के लिए, नामांकन के पहले दिन, शनिवार को सम्मेलन के वर्तमान अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने नामांकन किया। उनकी ओर से दस-दस की संख्या में…

मधेपुरा में न्यूज़ कवरेज के दौरान एक निजी चिकित्सक द्वारा मधेपुरा के स्थानीय पत्रकार शाहनवाज हुसैन के साथ अभद्र व्यवहार व हमले को लेकर आईरा राजधानी से तहसील तक अपने विभ्भिन्न समितियों क माध्यम से विरोध व्यक्त किया.

  पटना डेस्क(मालंच नई सुबह )मधेपुरा में न्यूज़ कवरेज के दौरान एक निजी चिकित्सक द्वारा मधेपुरा के स्थानीय पत्रकार शाहनवाज हुसैन के साथ अभद्र व्यवहार व हमले को लेकर आईरा प्रदेश से लेकर तहसील तक अपने विभिन्न् समितियों के  माध्यम…

खबर नहीं खुद शहर को शहर कहाँ है

  प्रियांशु त्रिपाठी शाम 5 बजे ट्रेन बनारस स्टेशन पर हमें सही सलामत उतार देती, और स्टेशन परिसर से बाहर निकलते की बहुत से अंजान चेहरे हमें देखते हैं और टोकते हैं “सर अॉटो”, “सर आईये हम ले चलते है”,…

प्रचीन भारतीय राजनय एवं वृहत भारत की गौरव गाथा-भाग 3

डॉ नीता चौबीसा प्राचीन काल मे भारतीयराजदर्शन आदर्शवादी न होकर अत्यंत व्यावहारिक रहा है।भारतीय राजदर्शन में आदर्श राज्य या ‘यूटोपिया’ सम्बन्धी काल्पनिक विचारों का सर्वथा अभाव है। जिस प्रकार पाश्चात्य जगत में प्लेटो के ‘रिपब्लिक’ और सर टौमस मूर के…

साहित्य

साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पद पर नामांकन कल से । डा अनिल सुलभ साढ़े बारह बजे भरेंगे अपना प्रपत्र ,९ अगस्त तक किए जाएँगे नामांकन

पटना, ६ अगस्त। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पद पर निर्वाचन हेतु ७ अगस्त,२०२१ से नामांकन आरंभ हो रहा है। नामांकन-प्रपत्र भरने की अंतिम तिथि ९ अगस्त,२०२१ निर्धारत है। सम्मेलन के वर्तमान अध्यक्ष ७ अगस्त को १२-३० बजे, सम्मेलन…