मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

Year: 2021

ग़ज़ल

रेखा भारती मिश्रा , पटना क्या कहूँ मैं तू यहाँ पर किस कदर खो जाएगा शहर की इस भीड़ में सुन बेखबर खो जाएगा जगमगाते इस शहर पर मत करो तुम यूँ गुमां आँधियाँ जब आएंगी तो ये नगर खो…

राजनीतिग्यो की सत्ता लोलुपता और टुकड़ों में विघटित भारतीय समाज

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में  1989 के बाद से 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के पूर्व तक एक भी स्पष्ट बहुमत की सरकार नहीं बन पाई। यहां यह बताना बहुत जरूरी है कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव…

अद्भुत मन्दिर

माधुरी नवम्बर2005की वह संध्या बेला याद आते हीआज भी रोमांचित कर जाती हैऔर मन मयूर उड़ान भर कर चल पड़ता है उस भव्य मंदिर की तलाश में….। काश!कोई तो कह देता ” ऐसा मन्दिर    देखा गया है उस जगह…”  तो…

ये कौन होते हैं?

प्रेमलता सिंह,पटना “औरत की त्रियाचरित्र दैय्यो ना जानें।” ये कहावत कहते घर हो या बाहर पुरूष दिख ही जाते है। चौक- चौराहे, पार्क हो जहाँ पांच दस पुरुष मंडली बैठे नही की बातचीत शुरू कर देते हैं। औरतों के खाने…

पटना /आस-पास

अपने को नवाचार पर केंद्रित करें शिक्षक : डॉ ध्रुव

पटना/प्रतिनिधि( मालंच नई सुबह) पटना I पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. रास बिहार प्रसाद सिंह ने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व होगा तभी क्षेत्रीय भाषा समृद्ध एवं विकसित होगी। क्षेत्रीय भाषा में अपना और क्षेत्र का विकास…

मालंचनई सुबह 20 सितम्बर

20 सितम्बर मालंच नई सुबह सोमवार f

दिल्ली के इंदिरापुरम में जीकेसी ने उम्मीदों का करवाँ की तैयारी के लिए की बैठक

पटना डेस्क(मालंच नई सुबह)ग्लोबल कायस्थ सम्मेलन (जीकेसी) के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन की अध्यक्षता में  दिल्ली के इंदिरापुरम में एक बैठक आयोजित हुआ।इस बैठक में ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन के साथ जीकेसी की प्रधान ट्रस्टी रागिनी रंजन, प्रदेश महासचिव मनोज…

युवा लेखिका नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’ की पुस्तक ‘छंटते हुए चावल’ पुरस्कृत

पटना डेस्क (मालंच नई सुबह):18/09/2021! हिंदी और भोजपुरी की लेखिका  नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’ के दूसरे कथा संग्रह ‘छंटते हुए चावल’ को मथुरा उ. प्र. की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था तुलसी साहित्य – संस्कृति अकादमी न्यास  के तहत श्रीमती सरला देवी दीक्षित…

नेकी

इंदु उपाध्याय  मालकिन हर व्यक्ति ढाई हजार से कम नहीं लूंगा मैं, तभी चलूंगा ,मंजूर हो तो कहिए ।” ऑटो वाले ने कठोर शब्दों में कहा।क्या ..!इतना ….? ” कुछ कम कीजिए ऐसे कैसे ,कुछ तो सोचिए ये तरीका है…

स्त्री विमर्श के बहाने

ऋचा वर्मा स्त्री विमर्श, महिला सशक्तिकरण और वीमेंस लिब यह सब कुछ ऐसे शब्द हैं जिनकी चर्चा आजकल जोरों पर है या दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि आधुनिक समय में सबसे ज्यादा ट्रेंड करने वाले शब्द हैं,…