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सीमांचल

मातृभाषा दिवस के मौके पर मातृ भाषा बज्जिका के हितों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा

पूर्णिया/प्रतिनिधि (मालंच नई सुबह)अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर परसमाजसेवी विजय श्रीवास्तव नेमुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी मातृभाषा बज्जिका क हित के लिए पत्र लिखा .उन्हों ने पत्र में लिखा की उत्तर बिहार के दरभंगा, तिरहुत, कोशी एवं पूर्णिया प्रमंडलों के विभिन्न जिलों के साथ ही नेपाल के रौतहट एवं सर्लाही के अंचलों में बोली जाने वाली प्रमुख मातृभाषाओं बज्जिका भी एक है। उत्तर बिहार की लगभग तीन करोड़ एवं नेपाल के तराई की लगभग पांच लाख लोगों की मातृभाषा बज्जिका है। इतने बड़े क्षेत्र में बोलिउप्योग की जानेवाली भाषा अज उपेक्षा की शिकार है.पुनः उन्होंने यह भी लिखा की उनकी मातृभाषा बज्जिका है। यह भाषा सरकारी एवं गैर-सरकारी स्तरों पर आज भी बहुत उपेक्षित है। बज्जिका भाषा भाषी की भावी पीढ़ियों के श्रेष्ठ हितों में इस एतिहासिक मातृभाषा की प्रगति एवं संरक्षण के लिए बिहार सरकार को अपनी रचनात्मकता दिखाने की आवश्यकता है। हिंदी की लोकभाषा के रूप में बज्जिका विख्यात है। लोकगीतों के मामलों में बज्जिका की संपदा अनूठी एवं समृद्ध है। साहित्यिक की समृद्धि के बावजूद आज तक बज्जिका उपेक्षाओं का शिकार बनी हुई है। पूर्व में बज्जिका की लिपि कैथी थी और बाद में देवनागरी हो गई। संपूर्ण विश्व में 6900 भाषाएं बोली जाती हैं और इसमें 90 प्रतिशत भाषाओं को बोलने वालों की आबादी एक लाख से भी कम है। एक अनुमान के मुताबिक आगामी चालीस चालीस सालों में बज्जिका सहित विश्व की लगभग चार हजार भाषाओं के खत्म होने की संभावनाएं हैं। वर्ष 2000 में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। विश्व की भाषाओं सूची में बज्जिका निश्चित रूप से है। अंत में उन्होंने अनुरोध करते हुए लिखा है कि इस ऐतिहासिक महत्व की भाषा के संरक्षण एवं प्रगति के लिए शीघ्रता एवं तीव्रता के साथ विभिन्न स्तरों प्रयास करने की जरूरत है।

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