मालंच नई सुबह

सच हार नही सकता

सम्पादकीय

बलात्कार क्यों होता हैं

 प्रेमलता सिंह,

पटना ,बिहार

बलात्कार क्यों होता हैं, हम सभी को इसके जड़ तक जाने की जरुरत हैं।आखिर ये मानसिक विकार पुरुषों में आता क्यों हैं?

 ये सच है कि हरेक जीव -जंतु में काम तत्त्व (वासना) सामान्य रूप से पाया जाता हैं। सृष्टि के संचालन इसी काम तत्व से होता हैं जो कि जरूरी हैं। लेकिन, जब वासना अनियंत्रित हो जाये तो बलात्कार जैसे  कुकृत्य अपराध को जन्म देता हैं इसलिए काम वासना पर नियंत्रण जरूरी हैं।      अमीर के बच्चे कम पर ,आप देखेंगे कि गरीब के बच्चे ऐसी घटना  ज्यादातर करते हैं।ऐसा क्यों हैं आइये प्रकाश डालते हैं।

ऐसी काम वासना कही -न- कही बचपन का देन होता हैं। उनके माता -पिता का रहन -सहन होता हैं, उसके आस- पास का माहौल होता हैं। छोटी -छोटी झोपड़ियों में रहना उनकी मजबूरी होता हैं, स्थानाभाव (जगह की कमी) के कारण अपने निजी पलों को जितना गोपनीय रखना चाहिए ,उतना रख नहीं पाते है।

 इन झोपड़ियों में पलने वाले बच्चे अक्सर उन निजी पलों के साक्षी बन जाते है , जो उनमें अंधी काम वासना को जागृत करने में सहायक होता हैं। काम वासना का बीज उसके मन में बचपन से ही बो दिया जाता हैं।

जैसे ही वो किशोरावस्था में आते हैं ।अपने माता- पिता के निजी पल जो उनके दिमाग मे अंकित हो जाता हैं, उसे साकार करने के जुगत में लग जाते है। यही से बलात्कार जैसे मानसिक विकार को अंजाम तक पहुँचाने के लिए अपने आस -पास के लड़कियों को निशाना बनाते है। ऐसे में रेप जैसे जघन्य अपराध कर बैठते है। बाद में अच्छे घर की लड़कियों या महिलाओं को भी शिकार बनाने की कोसिस करने लगते है ।

 ऐसा नही हैं कि बड़े घरों या मीडिल क्लास परिवारों में  रेप की घटना कम होता हैं। उनके द्वारा किया गया कुकृत्य चारदीवारी में ही दबकर रह जाता हैं। धनी लोग गरीब औरतों को शिकार बनाते हैं  और कुछ ही मामले अखबार की सुर्खियां बनती हैं, ज्यादातर मामलों में पैसा देकर मामला को शांत कर दिया जाता हैं।

 आज के युग मे मोबाइल भी रेप होने के बहुत बड़ा कारण हैं। स्मार्ट फोन पर एक क्लिक पर पोर्न साइट खुल जाता हैं, जिससे कि उनके मन मे काम वासना  जागृत होती हैं और बलात्कार जैसे महापाप कर बैठते हैं।     सोशल मीडिया, सीरियल, फिल्मों में सरेआम रेप, हत्या, गाली  परोसे जाते है। जिससे बाल मन पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं। ये देखकर  जघन्य अपराध कर बैठते हैं। ऐसे साइटों पर सरकार को बैन लगाना चाहिए।

बलात्कार जैसे घटना का अंजाम सिरफिरे, कम अक्ल या अपराध प्रवृत्ति के द्वारा किया जाता हैं। देखा जाता हैं कि  इनकी रहन- सहन और शिक्षा- दीक्षा का महौल सही नहीं था। लेकिन आंकड़ा बताता हैं कि जज, अफसर, संसद, विधायक, नेता, बाबा, उद्योगपति भी रेप केस में जेल में बंद है।

रेप के प्रति कुछ नेताओं के सोच भी गलत हैं । एक बोला- बलात्कार के लिए ग्रह नक्षत्र जिम्मेदार हैं तो दूसरे ने कहा- जवानी में लड़कों से ऐसी गलतियां हो जाती हैं तो तीसरे ने कहा – रेप भारत मे नहीं इंडिया में हित हैं, ऐसे हैं हमारे कुछ नेता।

 जगह -जगह पर शौचालय नहीं होना भी एक कारण हैं। एक सर्वे बताया कि 1669 स्कूली  लड़कियां पर महज एक शौचालय हैं।जरूरत पड़ने पर लड़कियों को खुले या सुनसान  जगहों पर जाना पड़ता हैं वह उनके साथ रेप होने की संभावना बढ़ जाती हैं।कानून थोड़ा अपराध कम कर सकता हैं पर हमें जागरूक होना होगा और इसके जड़ तक घुसकर इसमें बदलाव करना होगा। तभी सुरक्षित हो पाएगी हमारी बेटियां।     देखा गया हैं कि सुबूत के आभाव बलात्कारी खुलेआम समाज मे घूमते नजर आते हैं। बलात्कार जैसे जघन्य अपराध पर कड़ा कानून लेन की जरूरत हैं , तभी कुछ सुधार हो सकता हैं।

सबूत होने पर कोर्ट से 3 से 6 माह के भीतर बलात्कारी को सजा मिलना चाहिए।

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